कहीं कोई तो खेल है
PATNA : कितना दर्दनाक है यह सच। पहले समाज ने दुत्कारा, परिवार ने छोड़ा और फिर सड़कों पर भटकते हुए कोई मिलता है और विश्वास दिलाता है कि तुम भी इंसान हो। तुम्हें भी जीने का अधिकार है। तुम फिर से अपनी जिंदगी बदल सकती हो। बस एक बार हाथ बढ़ाओ और हमारे शेल्टर होम में आ जाओ। वह विश्वास करती है उन बातों पर, सरकार की योजना पर, अपने किस्मत पर। लेकिन फिर क्या, एक बंद कमरा और चीखें। न जाने कितने दिन और कितनी रातें उसे जानवरों से भी बदतर जीने को मजबूर किया जाता है। नोंचा जाता, खरोंचा जाता। वह चिल्लाती है, दर्द से कराहती है लेकिन किससे कहे। उसे एक बार फिर यह महसूस होता है कि मुझे जीने का अधिकार नहीं था। मेरी किस्मत में दर्द ही है और मैं किसका हाथ पकड़कर यहां चली आई। जरा सोचकर देखिए, कितना दर्दनाक है यह सच। ऐसा ही सच पटना के आसरा में रहने वाली एक महिला ने बताया। जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे।
कभी कोई तो आएगादैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम जब राजीवनगर के आसरा होम पहुंची तो कई महिलाएं बंद दरवाजे से झांकने लगी। उनकी आंखें बयां कर रही थी कि उन्हें इंतजार है कोई आएगा और ले जाएगा। टीम को देख छत पर एक कमरे में बंद कई महिलाएं और लड़कियां खिड़की के रास्ते झांकने लगीं। वह अपनी बात बताने लगी। उसी में उत्तर प्रदेश की रहने वाली एक लड़की ने बताया कि उसे यहां बंधक बनाया गया है। उसका घर है और पति है। वह घर का पता बता रही है। उसके बावजूद उसे यहां बंद किया गया है। वह घर जाना चाहती है लेकिन उसे नहीं भेजा जा रहा है। अन्य लड़कियां और महिलाएं भी बात करना चाह रह थी लेकिन अंदर से उन्हें रोका जा रहा था।
मनीषा और चिरंतन गए जेल आसरा में दो संदिग्ध मौत मामले में सोमवार को चिरंतन और मनीषा दयाल को जेल भेज दिया गया। जेल जाते समय चिरंतन ने मीडिया के सामने कहा कि मेरी हत्या हो सकती है। इस मामले में मनीषा का कोई लेना देना नहीं है। वहीं पुलिस इसकी पड़ताल करने के लिए दोनों को रिमांड में लेने की तैयारी कर रही है। आईजी खुद इस मामले की मानीटरिंग कर रहे हैं। आने वाले समय में एसआईटी भी गठित हो सकती है। एक नजर में आसरा का सच-10 अगस्त को राजीवनगर के नेपाली नगर में स्थित आसरा होम से लड़की भगाने के असफल प्रयास में बनारसी को गिरफ्तार किया गया।
-10 अगस्त की शाम आसरा होम की एक महिला और एक युवती की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। -36 घंटे बाद रविवार को मामला सामने आया तो डीएम और एसएसपी ने खुद जांच की और आसरा के सचिव चिरंतन और मनीषा के साथ बेबी को हिरासत में ले लिया। -12 अगस्त को लंबी पूछताछ के बाद देर रात मनीषा और चिरंतन को गिरफ्तार कर लिया गया। -13 अगस्त दोनों को जेल भेज दिया। ये 5 सवाल और सच आपके सामने -आसरा के आसपास रहने वालों का कहना है कि रात में लग्जरी गाडि़यां आती थी। अंदर से कई बार लड़कियों की चीखें सुनाई देती थी। आखिर रात में गाडि़यों का आना और चीखों का क्या संबंध है? -जहां आसरा चलाया जा रहा है वह शहर के सूनसान इलाके में क्यों है? -अब चिरंतन यह क्यों कह रहा है कि मुझे मार डाला जाएगा? -जेल जाते समय चिरंतन ने कहा कि मनीषा दयाल आसरा की कोषाध्यक्ष है, उसका कोई लेना-देना नहीं है। आखिर अब चिरंतन मनीषा को बचाने में क्यों लगा है? -जब गलत नहीं है तो मनीषा का फेसबुक अकाउंट क्यों डिलीट कर दिया गया?