Patna: आप पटना में बैठे हैं और आपके रुपए मेरठ में निकल जाते हैं. लड़की को पता भी नहीं चलता और उसका वीडियो फेसबुक पर डाल दिया जाता है. ऐसे मामलों की अब कमी नहीं. साइबर क्राइम का दायरा बढ़ता जा रहा है.

साइबर क्राइम का जाल बन चुका है
यू कहें कि पटना में भी साइबर क्राइम का जाल बन चुका है। इसमें यूथ से लेकर बिजनेसमैन तक फंसते जा रहे हैं, लेकिन यह बिडम्बना ही है कि स्टेट भर के साइबर क्राइम के मामलों को डिटेक्ट करने के लिए सिर्फ चार पुलिस वाले ही हैं।

काम बड़ा और यूनिट छोटी

साइबर सेल का काम बड़ा और गंभीर है, लेकिन इस यूनिट में काम करने वाले जानकारों की संख्या काफी कम है। ईओयू (इकॉनोमिक आफेंस यूनिट) के अंदर काम करने वाले इस साइबर सेल में एक एडिशनल एसपी रैंक के ऑफिसर, दो सब इंस्पेक्टर और कंम्प्यूटर की अच्छी जानकारी रखने वाला एक कांस्टेबल शामिल हैं। बस यही टीम मिलकर एटीएम के फ्रॉड से लेकर वेबसाइट हैक और फेक फेसबुक अकांउट के मामलों का इंवेस्टिगेशन कर रही है।

हर महीने सात से अधिक केस

साइबर सेल के पास हर महीने करीब सात से आठ केस जांच के लिए आते हैं। इसमें एटीएम से रुपए निकालने, ऑन लाइन मार्केटिंग, फेसबुक अकाउंट हैक करने से लेकर अन्य कई तरह के केस आते हैं। दरअसल साइबर क्राइम के मामले थाना में ही दर्ज होते हैं। इसके बाद उसके इंवेस्टिगेशन के लिए साइबर सेल में भेजा जाता है। अभी एटीएस भवन में चल रहे इस सेल के पास अबतक करीब 160 केस आ चुके हैं। साइबर सेल का दावा है कि 95 केसेज को डिटेक्ट कर लिया गया है। पहले कुछ कम केसेज आते थे, लेकिन अब बढ़ते जा रहे हैं। यहां तक कि दूर-दूर से भी लोग अपनी परेशानी लेकर साइबर सेल पहुंचने लगे हैं।

थाना स्तर पर भी होती है गड़बड़ी

कई मामलों में थाना लोकल स्तर पर मामले को दर्ज ही नहीं करते। उन्हें सीधे साइबर सेल भेज दिया जाता है। ऐसे में लोगों को परेशानी होती है और केस दर्ज करवाने के लिए फिर थाने का चक्कर लगाना पड़ जाता है। कई मामलों में तो साइबर सेल की ओर से संबंधित डिस्ट्रिक्ट के ऑफिसर्स को फोनकर इसकी इंफॉरमेशन देनी पड़ती है। आखिरकार इंवेस्टिगेशन ऑफिसर (आईओ) तो थाने के ऑफिसर को ही बनना होता है. 28 परसेंट फेसबुक से जुड़े मामले
साइबर सेल में सबसे अधिक दो मामले आ रहे हैं। पहला तो एटीएम फ्रॉड और दूसरा फेसबुक से जुड़े मामले। फेसबुक पर लड़कियों को परेशान किया जा रहा है। उनके नम्बर डाल दिए जाते रहे हैं, गंदी तस्वीरें और यहां तक कि वीडियो भी अपलोड कर दिया जाता है। कुछ दिनों पहले ही हाजीपुर का एक सनसनीखेज मामला आया है, जिसमें फेसबुक पर लड़की का अश्लील वीडियो लोड कर दिया गया था। लड़की और उसके घर वाले सभी साइबर सेल पहुंचे थे। इस संबंध में एडीशनल एसपी और साइबर सेल के इंचार्ज नीलेश कुमार का कहना है कि ज्यादातर मामले  एटीएम से रिलेटेड आते हैं, लेकिन अब तो फेसबुक से भी जुड़े बहुत केसेज आए है। अगर परसेंटेज में बात करें तो 70 परसेंट एटीएम और 28 परसेंट मामले फेसबुक से रिलेटेड हैं, जबकि अन्य मामले सिर्फ दो परसेंट हैं।

हैक कर लिख दिया पाकिस्तान जिन्दाबाद

अभी हाल ही में टूरिज्म डिपार्टमेंट की वेबसाइट को भी हैक कर पाकिस्तान जिन्दाबाद लिख दिया गया था। इस मामले में जयपुर की एक कंपनी का पता चला, लेकिन वहां से फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल लॉग सर्वर की जानकारी नहीं दी गई। यही कारण है कि इस मामले को डिटेक्ट नहीं किया जा सका।  

Highlights
- मई 2010 में पहली बार कोतवाली थाने में साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन यूनिट शुरू की गई।
- बाद में जनवरी 2011 में एटीएस भवन में साइबर सेल खोला गया।
- अबतक साइबर सेल में 160 साइबर क्राइम के मामले भेजे गए।
- 95 केसेज को अबतक डिटेक्ट किया गया. आने वाले केसेज
एटीएम फ्रॉड के मामले- 70 परसेंट
फेसबुक से जुड़े मामले- 28 परसेंट
अन्य मामले- 2 परसेंट

  Posted By: Inextlive