पटना बना कचरों का शहर
- शहर के मेन रोड को छोड़ दें तो हर तरफ कचरा ही कचरा
- कई माह से नहीं उठा है कचरा - पटनाइट्स परेशान, बरसात में बढ़ जाती है बदबू - रोज शहर से निकलता है 11 सौ मीट्रिक टन कचरा - गर्दनीबाग की स्थिति बन गई नरकीयPATNA : पटना शहर वैसे तो अपने कई नामों से जाना जाता है, लेकिन अब यह शहर कचरों के ढेर से भी जाना जा रहा है। राजधानी के मुख्य मार्ग को छोड़ दिया जाये तो शायद ही कोई ऐसा इलाका होगा जहां पर कचरों का अंबार या सड़कों पर कचरा ना बिखरा हो। आलम यह है कि हर जगह कचरा पसरा पड़ा रहता है, लेकिन नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन इससे बेपरवाह सिर्फ कागजी कार्रवाई करता नजर आ रहा है। बरसात शुरू होते ही ऐसी जगहों से आना-जाना तक मुश्किल हो जाता है, लेकिन पटना वासियों की तकलीफों को निगम समझने से मानो परहेज कर रहा है। शहर साफ और सुंदर दिखे इसके लिये वार्ड पार्षद बनाये गये हैं लेकिन ये लोग हमेशा टाल-मटोल करते नजर आते हैं और स्थिति में कोई सुधार नहीं होता है। ये जनप्रतिनिधि इलेक्शन के समय जितने एक्टिव दिखते हैं अगर उसके आधे समय भी शहर की साफ-सफाई पर ध्यान दें तो ऐसी नारकीय स्थिति नहीं हो, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सिर्फ और सिर्फ निगम की पॉलिटिक्स में व्यस्त रहकर जनता को अपने हाल पर छोड़ देते हैं। इसका नतीजा है कि कैपिटल सिटी में रहकर भी लोग गांव से भी बदतर जीवन जीते हैं। शहर की कई जगहों पर देखा गया है कि कैसे लोग बेबस व लाचार हैं और इसी तरह जीने को मजबूर हैं।
पाटलिपुत्रा कॉलानी, क्ख्:फ्भ् दोपहर लोयला स्कूल और नाट्रेड्रेम स्कूल के बीच में कचरा इस तरह से पसरा है कि लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है। स्कूल टाइम में यहां के बच्चे इस जगह से गुजरने में अपने आप को काफी असहज महसूस करते हैं। इन बच्चों को हाइजेनिक इन्वारमेंट नहीं मिल पा रहा है। क्भ्-ख्0 दिन पहले कुछ कचरा उठा था, जिसके बाद यह जगह लगातार बदबूदार होती जा रही है। कचरे से बीमारी हो रही है, लेकिन हम इसी तरह से अपनी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। कोई कचरा उठाने आता ही नहीं अगर आ भी गया तो अगली बार कब आयेगा, कहना मुश्किल है। - राजकुमार, व्यवसायी गोसाई टोला, क्ख्:भ्भ् दोपहरपटना कुर्जी मोड़ से लगभग आधा किलोमीटर दूर स्थित है गोसाई टोला, जहां पर पिछले 9 माह से कचरा उठा ही नहीं है। यहां से गुजरने वाला हर इंसान अपनी नाक पर रूमाल ढंक कर जाने को मजबूर है। इस सड़क के दूसरी ओर गंगा नदी बहती है और लोगों का लगातार इस घाट में आना जाना लगा रहता है लेकिन इस यहां की बदबू इन लोगों को परेशान किये हुये है।
यहां से गुजरना किसी जंग से कम नहीं है, राजधानी होने के बावजूद यहां पर पिछले कई माह से कचरा उठ ही नहीं रहा है, हमलोग निगम से आग्रह कर के अब थक चुके हैं। -अजीत, छात्र गांधी मैदान, फ्:फ्0 शाम हार्ट ऑफ सीटी गांधी मैदान के ठीक बगल में कचरा का अंबार लगा हुआ है। इस जगह से हर दिन दस हजार से अधिक गाडि़यां गुजरती हैं लेकिन इसका जायजा कोई लेने वाला नहीं है। शहर का यह ऐसा प्वाइंट है जहां राजधानी में रहने वाले हर इंसान का आना-जाना होता है। मार्निग वाक करने आधा पटना गांधी मैदान आता है, लेकिन यहां से जाने वाला हर इंसान अपनी नाक बंद कर जाता है। सड़क किनारे फैले कचरे ने जीना मुहाल कर दिया है। मार्निग वाक करने यहां हजारों लोग आते हैं। डीएम, एसएसपी आवास भी इस इलाके में है। कोई ध्यान नहीं देता।- रवि कुमार, गांधी मैदान
कंकड़बाग - कंकड़बाग आटो स्टैंड के पास बांकीपुर - राजेंद्रनगर स्टेडियम के समीप पटना सीटी - गायघाट पुल के पास रोज निकला है क्क् सौ मीट्रिक टन कचरा पटना शहर से रोज लगभग क्क् सौ मीट्रिक टन कचरा निकलता है, जिसे शहर के बीचों बीच डंप किया जाता है इससे शहर की सुंदरता तो खराब होती ही है साथ ही यहां के रहने वाले लोगों को एक सही वातावरण नहीं मिल पा रहा है। नियम के अनुसार सारे कचरे को रामजीचक बैरिया में डंप करना है लेकिन शहर के अंदर ही इसे डंप कर दिया जा रहा है। कभी-कभार ही कचरों को बैरिया ले जाया जाता है। नालियों की सफाई और कचरा उठाने को लेकर निगम काम कर रहा है। हालांकि कुछ समस्या जरूर है इसे लेकर हम बहुत सारे संसाधन खरीद रहे हैं, जिससे पटना का हर इलाका साफ हो सके। - जय सिंह, नगर आयुक्तगर्दनीबाग, ख्:ख्भ् दोपहर
गर्दनीबाग शहर की शान है। यहां एक नए फ्लाई ओवर भी बना है, इसके बगल में कचरा का विशाल अंबार डंप किया गया है। इस जगह से गुजरने से ऐसा लगता है मानो किसी ने जहरीली गैस छोड़ दी हो। यहां के लोग बताते हैं कि पिछले कई माह से शहर के कचरे को यहीं डंप किया जाता है। इसे रामचक बैरिया नहीं ले जाया जा रहा है। हॉस्पीटल के पास ही पटना के चारों अंचल का कचरा डंप होता है। जीना मुश्किल हो गया है। हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। पता नहीं क्यों निगम कचरों को यहीं डंप कर रहा है। कभी कचरों को बैरिया नहीं ले जाते हैं, यहां से उठाकर बाईपास के पास डंप कर देते हैं। - सुदर्शन, गर्दनीबाग निवासी ये सारा कचरा बैरिया जाना चाहिए लेकिन संसाधन की कमी है और पिछले कई माह से गाडि़यां बैरिया नहीं जा पा रही थीं, जिसकी वजह से यह जगह नरक बन चुकी है। - ईश्वरी, निगम ड्राइवर यहां डंप होता है कचरा अंचल डंप की जगह नूतन राजधानी - गर्दनीबाग हॉस्पीटल के पास