भारत के अरबपति व्‍यवसायी ने अपने बेटे को कंपनी में नौकरी देने से मना कर दिया। जिसके बाद वह बेटा काम पाने के लिए दर-दर भटकता रहा। दरअसल यह काम किया है गुजरात के डायमंड व्‍यापारी सावजी ढोलकिया ने। उन्‍होंने अपने बेटे को सबक सिखाने के लिए एक महीने तक मजदूरी करवाई।

पिता देना चाहते थे एक सीख
सूरत में अरबों के हीरों का कारोबार करने वाले बड़े व्यवसायी सावजी ढोलकिया का बेटा द्रव्य ढोलकिया अमेरिका से मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा है। द्रव्य अभी कुछ दिनों पहले ही छुट्टी पर भारत आया था। ऐसे में सावजी अपने बेटे को जिंदगी की एक नई सीख देने चाहते थे। इसके लिए सावजी ने द्रव्य को एक साधारण नौकरी करने को कहा। ताकि उसे काम और पैसे की अहमियत पता चल सके। हालांकि सावजी ने इसके साथ ही कई शर्त भी रखीं कि वह जहां भी नौकरी मांगने जाएगा अपने पिता का नाम कहीं नहीं लेगा, साथ ही एक हफ्ते से ज्यादा कहीं पर भी काम नहीं करेगा।

जूते की दुकान में किया काम
सावजी ने अपने बेटे को एक महीने के लिए घर से निकाल दिया था। और उसको सिर्फ 7 हजार रुपये और तीन जोड़ी कपड़े दिए। द्रव्य घर से निकलकर कोच्चि शहर में नौकरी ढूंढने निकल पड़े। लेकिन उसके सामने एक समस्या थी कि वह मलयालम भाषा नहीं जानता था ऐसे में नौकरी पाना आसान न था। द्रव्य बताते हैं कि शुरुआत के पांच दिन उनके पास न तो कोई नौकरी थी और न ही रहने की जगह। फिलहाल बाद में उसे कॉल सेंटर और जूते की दुकान और मैकडोनल्ड सेंटर पर काम मिला और इस दौरान उसने 4000 रुपये कमाए।
काफी अलग हैं सावजी
आपको बताते चलें कि सावजी की कंपनी का नाम हरे कृष्णा डायमंड एक्सपोर्ट्स है। यह 6,000 करोड की कंपनी है और 71 देशों में फैली हुई है। सावजी काफी अलग नेचर के हैं। यह उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होनें बोनस में अपने कर्मचारियों को कार और फ्लैट्स दिए थे।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari