- नगर निगम बोर्ड की 11वीं बैठक में सुस्त पड़े विकास कार्यो को लेकर पार्षदों ने पूछे सवाल

- अधिकारी देते रहे आश्वासन लेकिन होता रहा हंगामा, मेयर के आश्वासन पर माने पार्षद

GORAKHPUR: नगर निगम की 11वीं बोर्ड बैठक में विकास कार्य ना होने से नाराज पार्षदों के तीखे सवालों से घिरे नगर आयुक्त उल्टा बजट का तर्क देने लगे। उन्होंने पार्षदों से कह दिया कि जब वार्डो में विकस कार्य हो ही नहीं रहे तो आखिर नगर निगम का बजट जा कहां रहा है। हालांकि उन्होंने ठप पड़े विकास कार्यो की जांच कराने का भी भरोसा दिया। इस दौरान कुएं के सौंदर्यीकरण को लेकर छह महीने में कोई योजना ना बनने से नाराज बेतियाहाता वार्ड के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी धरने पर बैठ गए। पार्षदों ने पथ प्रकाश और जलकल विभाग की व्यवस्था पर भी नाराजगी जताई। इसके अलावा शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराने और शहर में रुके नाले के निर्माण पर भी चर्चा की।

नहीं मिली पुष्टि की कॉपी, शुरू हो गया हंगामा

तय समय से करीब 45 मिनट देर से नगर निगम बोर्ड की बैठक शुक्रवार को नगर निगम के सदन हॉल में शुरू हुई। पार्षदों ने नगर निगम कार्यकारिणी की पिछली बैठक की पुष्टि की कॉपी न मिलने पर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। पार्षद देवेंद्र पिंटू ने वार्ड में टूटे नाले की मरम्मत ना होने का मुद्दा उठाया। जिसपर नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि इमरजेंसी सुविधाओं में नाला का निर्माण शामिल है। नाले का निर्माण नहीं हुआ तो इसे दिखवाया जाएगा।

पार्षदों ने समस्या उठाई, आश्वासन देते रहे अधिकारी

पार्षदों ने मेडिकल कॉलेज रोड पर नालों के चोक होने की समस्या भी उठाई। नगर आयुक्त ने बताया कि पासपोर्ट ऑफिस के सामने पुलिया 15 साल से जाम है। नगर निगम की पूरी टीम लगाकर इसे साफ कराया जा रहा है। पार्षद शहाब अंसारी और आकाश चौहान ने इमरजेंसी कार्य ना होने का मुद्दा उठाया। जियाउल इस्लाम ने प्रस्ताव रखा कि एक हफ्ते में सभी वार्डो में क्रॉस व पत्थर की स्थिति का सर्वे कराकर इसे 15 दिसंबर तक ठीक कराना चाहिए। पार्षदों ने काम न होने की बात की तो नगर आयुक्त ने कहा कि अगर काम नहीं हो रहा है तो नगर निगम का पैसा कहां जा रहा है। उनके इस जवाब पर पार्षद नाराज हो गए और हंगामा करने लगे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस नगर की पार्षद ने छह महीने बाद भी अतिक्रमण और कब्जा ना हटाने पर नाराजगी जताई। मेयर सीताराम जायसवाल ने आश्वस्त किया कि जल्द ही जल्द कार्य कराए जाएंगे तो पार्षद शांत हुए।

'पार्षद से बड़ा अफसर कोई नहीं'

बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मेयर सीताराम जायसवाल ने कहा कि नगर निगम में पार्षदों से बड़ा कोई अफसर नहीं हैं। नगर आयुक्त को अपने अफसरों को निर्देश देना चाहिए कि वह सभी पार्षदों की बातों पर अमल करें। इस पर पार्षदों ने मेयर जिंदाबाद के नारे लगाए। जब मेयर अपना संबोधन कर रहे थे तो पार्षद संजीव सिंह सोनू ने वार्ड की समस्याएं उठानी शुरू कर दीं। इस पर मेयर ने नाराजगी जताई और कहा कि आप को शांत रहना चाहिए, आप सदन की मर्यादा को ध्यान में रखें। जब संजीव सिंह सोनू नहीं रुके तो मेयर ने उन्हें चेतावनी दी कि यदि वह नहीं मानेंगे तो बाहर कर दिया जाएगा।

'तीसी के तेल की पकौड़ी हालत कर देगी खराब'

बोर्ड की बैठक में पार्षदों के टेबल पर पकौड़ी नाश्ते में पेश की गई। जैसे ही टेबल पर पकौड़ी रखी प्लेट पहुंची एक पार्षद अपनी कुर्सी से उठ कर बोले, नगर आयुक्त साहब तीसी के तेल की पकौड़ी पार्षदों की संख्या कम कर देगी। इस पर सदन में पार्षद ठहाके लगाने लगे।

ये रहे मौजूद

बैठक में अपर नगर आयुक्त डीके सिन्हा, अपर नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। मुकेश रस्तोगी, संजय शुक्ला, एमडी जलकल आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive