-समस्याओं में घिरा है गंगानगर का डी ब्लॉक

- पार्क में खुला पड़ा ट्रांसफार्मर मौत का दे रहा दावत

- स्ट्रीट लाइट को एमडीए ने दिए 8.5 लाख, निगम ने दबाए

Meerut: जो नालियां मोहल्ले के पानी की निकासी को बनाई गई थी, वो टूटी होने के साथ मिट्टी और कूड़े से दबी पड़ी हैं। स्ट्रीट लाइट के खंबे तो खड़े कर दिए गए हैं, लेकिन वो अभी तक लाइट से वंचित हैं। गंदगी की बात यदि करें तो हालात बद से बदतर हैं। ये नजारा है। गंगानगर 'डी' ब्लॉक का है। शहर के वार्ड-25 का यह क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहा है। हालांकि यहां मेयर का आवास होने के कारण यह क्षेत्र वीआईपी कहलाता है, बावजूद इसके हालत बद से बदतर हो चले हैं।

गंगानगर 'डी ब्लॉक' दरअसल, गंगानगर का डी ब्लॉक में अभी तक मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया है। यही कारण है कि यहां के लोग पिछले कई सालों से बदहाली का दंश झेल रहे हैं। कॉलोनी के लोग सबसे ज्यादा सफाई अव्यवस्था से परेशान हैं। कॉलोनी में एक भी कूड़ा दान नहीं है। गलियों में जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा है। खाल प्लॉट कूड़े से पटे हुए हैं। यहां के लोग खुद ही कूड़े को साफ करते हैं। लेकिन कॉलोनी में इतना कूड़ा एकत्रित हो जाता है कि उसे पूरी तरह से साफ करना निवासियों के बस की नहीं। सफाई कर्मचारी कभी-कभी आते हैं, लेकिन वे गलियों की सफाई नहीं करते।

अटी पड़ी नालियां

यहां की नालियां कूड़े और मिट्टी से अटी पड़ी हैं। जगह-जगह नालियां टूटी हुई हैं। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में नालियों के होने का कोई मतलब नहीं है, पानी तो गली में ही बहता है। लोगों ने खुद ही यहां की नालियों की मरम्मत कराई। कूड़े का ढेर न केवल गलियों बल्कि नालियों में भी है। इनको साफ करने के लिए कोई नहीं आता। निवासियों ने बताया कि वे खुद ही प्राइवेट मजदूर लगाकर सफाई करवाते हैं।

डैमेज पड़ा सीवर सिस्टम

क्षेत्र का सीवर सिस्टम पूरी तरह से चौपट हो चुका है। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि यह कालोनी दो सल पूर्व ही नगर निगम को हैंड ओवर कर दी गई थी, बावजूद इसके निगम ने यहां आज तक कोई विकास कार्य नहीं कराया। सीवर का गंदा पानी नालियों में ही बहता है। जिससे हर समय बदबू का माहौल रहता है। निवासियों ने बताया कि गंदगी के माहौल से यहां पर कई बीमारियां फैलती हैं। मच्छरों की तो भरमार है। बारिश में तो और बुरा हाल हो जाता है।

निगम दबाए बैठा साढ़े आठ लाख

क्षेत्रीय पार्षद दिनेश ने बताया कि स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए एमडीए ने नगर निगम को साढ़े आठ लाख रुपए हैंड ओवर किए थे। लेकिन निगम की ओर से यहां बिजली का कोई विकास कार्य नहीं कराया गया। नतीजन शाम होते ही पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूब जाता है। अंधेरे का फायदा उठाकर यहां चोर-उचक्के पनाह पा चुके हैं, जो आए दिन घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं।

मौत को दावत दे रहा ट्रांसफार्मर

क्षेत्र स्थित जो पार्क बच्चों के खेलने और लोगों की वॉकिंग के लिए यूज होता है। उसमें बिजली का खुला ट्रांसफार्मर रखा हुआ है। लोगों की मानें तो पार्क में खुला रखे इस ट्रांसफार्मर से कई हादसे हो चुके हैं। बिजली विभाग के अफसरों से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

नगर निगम से यहां कोई सफाई कर्मचारी नहीं आता, लिहाजा गंदगी के अंबार लगे रहते हैं। यहां के निवासी खुद ही गलियों की सफाई करते हैं।

- विनोद कुमार, निवासी

-दिनेश कुमार, स्थानीय पार्षद

नालियां जगह-जगह टूटी हुई हैं। जिससे घरों से निकले वाले पानी की निकासी नहीं हो पाती। हम लोग कहां तक पूरी कॉलोनी की नालियां साफ करें।

- बाला देवी

निगम की ओर से यहां कोई विकास कार्य नहीं कराया गया। सड़कें टूटी पड़ी हैं। गलियों की टायल्स उखड़ी पड़ी हैं। लोगों को गंदगी की वजह से कई तरह की बीमारी हो गई है।

- कोमल

स्ट्रीट लाइट न होने के कारण पूरा क्षेत्र अंधेरे में रहता है। कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। सरकारी अफसर हर बार आश्वास की टॉफी खिला देते हैं।

- संजय कुमारी

क्षेत्र की समस्याओं की शिकायत पर निगम अफसर इसे एमडीए की कालोनी बताते हैं। वहीं एमडीए इसे निगम को हैंड ओवर बताकर पल्ला झाड़ लेता हैं। यहां को विकास दो विभागों में फंस कर गया हे।

- शिवानी

मेयर से मिलकर कई बार समस्याओं से अवगत कराया। अन्य दल का पार्षद हूं। मेरी कोई नहीं सुनता। यहां केवल सरकार वालों की सुनी जाती है।

Posted By: Inextlive