आज पूरे देश में गाय की चर्चा हो रही है। हर कोई गाय की पवित्रता और महानता को लेकर अपने अपने बयान दे रहा है। सोशल मीडिया पर भी आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े राजनेता गाय को लेकर ही चिंतित दिखते हैं। ऐसे में अब जानवरों में भी इसकी चिंता बढ़ गई और उनमें गाय के प्रति लोगों का प्‍यार का देखकर विरोध शुरू हो हो गया है। जिससे आजकल व्‍हाट्स ऐप पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम भैसों की एक चिट्टी भी वायरल हो रही है। जिसमें उन्‍होंने गाय का जमकर विरोध और अपना दुख व्‍यक्‍त किया है। यह चिट्ठी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी है। ऐसे में आप भी पढे व्‍हाट्स ऐप पर वायरल हुई मोदी के नाम भैंसों की ये चिट्ठी...


ना आजम खां की, ना लालू यादव की! आपकी बड़ी फैनप्रधानमंत्री जी, सबसे पहले तो मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं ना आजम खां की भैंस हूं और ना लालू यादव की! ना मैं कभी रामपुर गयी ना पटना! मेरा उनकी भैंसों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। यह सब मैं इसलिये बता रही हूं कि कहीं आप मुझे विरोधी पक्ष की भैंस ना समझे लें। मैं तो भारत के करोड़ों इंसानों की तरह आपकी बहुत बड़ी फैन हूं। जब आपकी सरकार बनी तो जानवरों में सबसे ज़्यादा ख़ुशी हम भैंसों को ही हुई थी। हमें लगा कि ‘अच्छे दिन’ सबसे पहले हमारे ही आयेंगे। लेकिन हुआ एकदम उल्टा! आपके राज में तो हमारी और भी दुर्दशा हो गयी। अब तो जिसे देखो वही गाय की तारीफ़ करने में लगा हुआ है। कोई उसे माता बता रहा है तो कोई बहन!
गाय माता तो हम भी आपकी चाची, मौसी, बुआ कुछ तो लगती होंगी?


अगर गाय माता है तो हम भी तो आपकी चाची, ताई, मौसी, बुआ कुछ लगती ही होंगी! हम सब समझती हैं। हम अभागनों का रंग काला है ना! इसीलिये आप इंसान लोग हमेशा हमें जलील करते रहते हो और गाय को सर पे चढ़ाते रहते हो! आप किस-किस तरह से हम भैंसों का अपमान करते हो, उसकी मिसाल देखिये। आपका काम बिगड़ता है अपनी ग़लती से और टारगेट करते हो हमें कि देखो गयी भैंस पानी में गाय को क्यूं नहीं भेजते पानी में! वो महारानी क्या पानी में गल जायेगी?करीना, कैटरीना गाय और डॉली बिंद्रा भैंस!आप लोगों में जितने भी लालू लल्लू हैं, उन सबको भी हमेशा हमारे नाम पर ही गाली दी जाती है काला अक्षर भैंस बराबर माना कि हम अनपढ़ हैं, लेकिन गाय ने क्या पीएचडी की हुई है? जब आपमें से कोई किसी की बात नहीं सुनता, तब भी हमेशा यही बोलते हो कि भैंस के आगे बीन बजाने से क्या फ़ायदा! आपसे कोई कह के मर गया था कि हमारे आगे बीन बजाओ? बजा लो अपनी उसी प्यारी गाय के आगे! अगर आपकी कोई औरत फैलकर बेडौल हो जाये तो उसे भी हमेशा हमसे ही कंपेयर करोगे कि भैंस की तरह मोटी हो गयी हो करीना, कैटरीना गाय और डॉली बिंद्रा भैंस!लोग भैंसों का दूध पीकर ही सांड बने घूम रहे हैं, उसका क़र्ज़ चुकाना तो दूर उल्टे करते हैं बेइज्जत

वाह जी वाह! गाली-गलौच करो आप और नाम बदनाम करो हमारा कि भैंस पूंछ उठायेगी तो गोबर ही करेगी हम गोबर करती हैं तो गाय क्या हलवा करती है? अपनी चहेती गाय की मिसाल आप सिर्फ तब देते हो, जब आपको किसी की तारीफ़ करनी होती है- वो तो बेचारा गाय की तरह सीधा है, या- अजी, वो तो राम जी की गाय है! तो गाय तो हो गयी राम जी की और हम हो गये लालू जी के! वाह रे इंसान! ये हाल तो तब है, जब आप में से ज़्यादातर लोग हम भैंसों का दूध पीकर ही सांड बने घूम रहे हैं। उस दूध का क़र्ज़ चुकाना तो दूर, उल्टे हमें बेज्जत करते हैं!मेजोरिटी में होते हुए भी हमारे साथ ऐसा सलूक, आप तो मेजोरिटी के हिमायती कुछ करिए... प्लीज...आपकी चहेती गायों की संख्या तो हमारे मुक़ाबले कुछ भी नहीं हैं। फिर भी, मेजोरिटी में होते हुए भी हमारे साथ ऐसा सलूक हो रहा है! प्रधानमंत्री जी, आप तो मेजोरिटी के हिमायती हो, फिर हमारे साथ ऐसा अन्याय क्यूं होने दे रहे हो? प्लीज़ कुछ करो! आपके ‘कुछ’ करने के इंतज़ार में...– आपकी एक तुच्छ प्रशंसक

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Posted By: Shweta Mishra