हमेशा की तरह आज भी इंडियन प्रीमियर लीग आईपीएल के सीजन-9 के लिए नीलामी की प्रक्रिया हुई। जिसमें ऑस्ट्रेलिया के शेन वाटसन नीलामी को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने 9 करोड़ 50 लाख रुपये में खरीदा। वहीं युवराज सिंह को सनराइजर्स हैदराबाद ने सात करोड़ रुपये में खरीदा। ऐसे में लोगों के जेहन में अक्‍सर यह सवाल उठते हैं कि IPL में कहां से आता है पैसा? कैसे होता है बीसीसीआई खिलाडि़यों और फ्रेंचाइजी में बंटवारा। तो आइए आज जानें इन सवालों के जवाब...


आईपीएल में रेवेन्यू:आईपीएल में कई रास्तों से पैसा आता है। जिसमें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में रेवेन्यू ब्राडकॉस्टिंग से आता है। इसके बाद इसका दूसरा सोर्स टाइटल सेंसरशिप और कारपोरेट सेंसरशिप है। तीसरा स्रोत फ्रेंचाइजी की नीलामी है। इसके अलावा चौथा और आखिरी रेवेन्यू टिकट की सेल से भी आता है। इसके अलावा अंपायरों की ऑफिशियल स्पॉन्सशिप और ब्रॉडकास्िटंग राइट्स बेचने पर इसे काफी पैसा मिलता है।खिलाड़ियों को रेवेन्यू:आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों पर काफी बड़ा दांव लगा होता है। इसमें खिलाड़ियों की कीमत लाखों से करोंड़ो तक होती है। ऐसे में इन खिलाड़ियों को बेसिक एग्रीमेंट में जो पैसा तय होता है वह तो मिलता ही है। इसके अलावा उन्हें प्राइज मनी, बाउंसेस के रूप में जो टीम का फिनिशर होता है। इसके अलावा सैलरी और उनका डेली एलाउंज तय होता है।



आईपीएल और फ्रेंचाइजी में बंटवारा:  

आईपीएल की कमाई में 40 फीसदी आईपीएल के खाते में रहता है। इसके अलावा 54 फीसदी फ्रैंचाइजी के खाते में जाता है। छह फीसदी प्राइज मनी पर खर्च आता है। हालांकि यह करार बस अगले साल यानि की 2017 तक है। इसके बाद 50 फीसदी आईपीएल के पास, 45 फीसदी फ्रैंचाइजी के पास और पांच फीसदी प्राइज मनी के लिए रिजर्व हो जाएगा।

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Posted By: Shweta Mishra