देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को मुंबई के आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया है.


बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया था कि असीम को 5000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया जाए.पेशे से कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी पर अपने कार्टूनों के ज़रिए राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने और देशद्रोह का आरोप लगाया गया था.हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने असीम की ज़मानत के लिए दायर जनहित याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि असीम को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है.तब हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि वो असीम को जमानत नहीं दिए जाने का वाजिब कारण बताए.महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल ने भी कहा था कि कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी के खिलाफ चलाया जा रहा देशद्रोह का मामला वापस होगा.असीम को पहले पुलिस हिरासत और फिर बाद में न्यायिक हिरासत में रखा गया था.घटना


असीम पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने कार्टून के ज़रिए भारतीय संविधान को नीचा दिखाया था और अपनी वेबसाइट पर कथित 'देशद्रोह' की सामग्री छापी थी.असीम की गिरफ्तारी की भारत के विभिन्न हिस्सों में और सोशल व अन्य मीडिया पर जबरदस्त आलोचना हुई थी.कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों, पत्रकारों, कार्टूनिस्टों और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अभियान चला रहे संगठन इंडिया अगेंस्ट करप्शन यानी आईएसी ने असीम की गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना की थी.

जाने माने कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग और मार्कण्डेय काटजू ने भी असीम की गिरफ्तारी का विरोध किया था.पेशेवरअसीम त्रिवेदी लंबे समय से राजनीतिक विषयों पर कार्टून बनाते रहे हैं और इंटरनेट पर सेंसरशिप के खिलाफ़ भी सक्रिय रहे हैं.दुनियाभर में इंटरनेट की सेंसरशिप के खिलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों के समर्थन में वो और उनके साथी भारत में भी प्रदर्शन करते रहे हैं.इस साल मार्च महीने में उन्होंने और उनके साथियों ने पहली अप्रैल यानि 'फूल्स डे' को दूर संचार मंत्री कपिल सिब्बल को समर्पित करने की मुहिम छेड़ी थी.उनका मानना है कि इंटरनेट जैसे विस्तृत माध्यम पर सेंसरशिप लागू करने की बात मूर्खता का प्रतीक है.

Posted By: Bbc Hindi