- ओबेसिटी और बैरियाट्रिक सर्जरी पर रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए आईएसएमए से मिलेगें दो करोड़ रूपए

-लेप्रोस्कोपिक तकनीक से सही होने वाली बीमारियों के लिए बनेगा सेंटर फॉर एक्सीलेंस

-बैरियाट्रिक सर्जरी से हुई शुरुआत

KANPUR : एम्स के बाद शहर का जीएसवीएम नार्थ इंडिया का दूसरा ऐसा मेडिकल कालेज बन गया है जहां पर बैरियाट्रिक सर्जरी की शुरुआत होती है। लेकिन लेप्रोस्कोपी तकनीक से होने वाली यह सर्जरी तो शुरुआत भर है हैलट में इसके लिए अब सेंटर फॉर एक्सीलेंस तैयार किया जाएगा। इसके लिए शासन को प्रस्ताव तो भेज ही दिया गया है। इसके अलावा आईएसएमए की ओर से एक रिसर्च वर्क के लिए भी दो करोड़ रूपए मिलेगें।

डायबिटीज पर काबू के लिए बैरियाट्रिक सर्जरी

मंडे को हैलट इमरजेंसी में तीन लोगों की बैरियाट्रिक सर्जरी की गई। देश के प्रख्यात बैरियाट्रिक सर्जन डॉ। अतुल एनसी पीटर्स और फोर्टिस के डॉ। योगेश गौतम ने इसकी शुरुआत की। इस सर्जरी के बारे में बताते हुए डॉ। अतुल ने कहा कि ओवरवेट लोगों में डायबिटीज को काबू करने में बैरियाट्रिक सर्जरी सबसे बेहतर विकल्प है। वहीं डॉ। संजय काला ने बताया कि हैलट में बैरियाट्रिक सर्जरी के अब दो महीने की वेटिंग हो गई है। उन्होंने बताया कि हैलट में बैरियाट्रिक सर्जरी के अलावा अगस्त तक क्ब् तरह की सर्जरी के लिए सेंटर डेवलप करने की कोशिश शूरू हो गई। रिसर्च के लिए मिलने वाले ख् करोड़ से यह सर्जरी और सस्ती हो जाएगी लेकिन इसका फायदा सिर्फ ब्0 से भ्0 लोगों को ही मिल सकेगा।

Posted By: Inextlive