एनआरआई का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संघ ने कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक व्यवधानों का हवाला देते हुए यह मांग की है।

नई दिल्ली (पीटीआई) नॉन रेजिडेंट इंडियन (एनआरआई) की स्टेटस का दावा करने के लिए भारत में 120 दिनों से कम रहने की आवश्यकता वाले कानून को बदलने की आवश्यकता है। एनआरआई का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संघ ने कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक व्यवधानों का हवाला देते हुए यह मांग की है। अमेरिका स्थित ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपल ऑफ इंडियन ओरिजिन (जीओपीआईओ) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को वित्त अधिनियम, 2020 के माध्यम से लागू किए गए प्रावधान को बदलने के लिए कहा है। उनका कहना है कि यह कानून कई एनआरआई के लिए 'बड़ा झटका' है।

120 दिन से कम भारत में रहे लोग एनआरआई

चार्टर्ड अकाउंटेंट सुनील रावला ने कहा, 'आयकर कानूनों के अनुसार, एक व्यक्ति एनआरआई का स्टेटस तभी हासिल कर सकता है यदि वह भारत में 120 दिनों से कम समय तक रहा है। फिर उसकी वैश्विक आय को भारत में एक एनआरआई के रूप में टैक्स से मुक्त किया जाता है। हालांकि, भारत में उनकी आय पर अभी भी टैक्स लगाया जाएगा।' सीतारमण को लिखे पत्र में, जीओपीआईओ के अध्यक्ष सनी कुलथकाल ने कहा है कि एनआरआई और पीपल ऑफ इंडियन ओरिजिन (पीआईओ) भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, '2018 में, भारतीय प्रवासियों ने 79 बिलियन डॉलर अपने घर भेजे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है। कोरोना वायरस महामारी व आर्थिक गतिविधियों के अभूतपूर्व व्यवधान के कारण दुनिया भर में लॉकडाउन के मद्देनजर, जीओपीआईओ ने भारत सरकार से एनआरआई स्टेटस के लिए 120 दिनों की अवधि वाले संशोधित कानून को तुरंत निरस्त करने की अपील की है और एनआरआई स्टेटस के लिए 182 दिनों की अवधि सेट करने की बात कही है ताकि लोग ज्यादा दिन अपने देश में रह सकें,'

सीमा बंद होने के चलते लंबे समय तक भारत में बीताना पड़ रहा है समय

कुलथकाल ने कहा कि नया नियम सभी एनआरआई को दंडित करने के समान है। उन्होंने कहा, 'सीमाओं के बंद होने, एयरलाइनों और और परिवहन के अन्य साधनों के बंद होने के कारण पूरा देश समस्याओं का सामना करना कर रहा है। कई एनआरआई को महामारी से निपटने के लिए क्वारंटीन और यात्रा प्रतिबंधों के कारण मजबूरन भारत में लंबे समय तक रहना पड़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी एनआरआई खत्म हो रही है। इसलिए, हम स्थिति को देखते हुए केंद्रीय बजट 2020 के माध्यम से एनआरआई स्टेटस पर प्रावधान को रद करने का निवेदन करते हैं।

Posted By: Mukul Kumar