पॉल्यूशन से बचने के लिए चुनें सही मास्क
-ऑर्डिनरी मास्क नहीं रोक पाता अति सूक्ष्म कण
-एन-95 या एनआईओएसएच सर्टिफाइड मास्क को ही करें पर्चेजआगरा। बढ़ते एयर पॉल्यूशन से बचने के लिए मास्क ही सहारा है। सिटी में कई लोग पॉल्यूशन से बचने के लिए मास्क का यूज कर भी रहे हैं, खासतौर पर सीनियर सिटीजन और बच्चे। लेकिन क्या आपको ये पता है कि आपका मास्क पॉल्यूशन से आपको बचा भी रहा है या नहीं। जी हां पॉल्यूशन से बचने सही मास्क को चूज करना बहुत जरूरी है। ऑर्डिनरी मास्क नहीं है कारगरदरअसल पॉल्यूशन से बचने के लिए के लिए लोग ऑर्डिनरी या सर्जिकल मास्क का यूज करते हैं। लेकिन ये मास्क पॉल्यूशन से बचने के लिए इनफ नहीं हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो लोग पॉल्यूशन से बचने के लिए कपड़ा या ऑर्डिनरी मास्क का यूज तो करते हैं, लेकिन हवा में मौजूद अति सूक्ष्म कण इनमें से पार हो जाते हैं। इस कारण इस प्रकार के मास्क या कपड़ा पहनना कारगर नहीं है।
तीन साल से छोटे बच्चों को न पहनाएं मास्कबच्चों के लिए इस प्रकार की हवा बेहद खतरनाक है। ऐसी कंडीशन में बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। यदि मास्क भी लगा रहें है तो बार-बार बच्चे से पूछते रहना चाहिए कि वो कंफर्ट फील कर रहा है या नहीं। बच्चों को मास्क पहनकर चोकिंग का खतरा रहता है। ऐसे में बच्चे को घबराहट हो सकती है। डॉ। जैन ने बताया कि तीन साल से छोटे बच्चों को मास्क नहीं पहनाना चाहिए, उनमें चोकिंग के चांस ज्यादा होते हैं।
मास्क पर्चेज करते टाइम इन बातों का रखे ध्यान- मास्क एन-95 रेटिंग, सीई सर्टिफाइड या एनआईओएसएच अप्रूव्ड हो।-मास्क आपके नोज और माउथ को पूरी तरह कवर करता हो और मास्क और आपके फेस के बीच कोई गेप न हो।-तीन साल से छोटे बच्चों को मास्क न पहनाएं इससे उन्हें चोकिंग की प्रोब्लम हो सकती है।-लूज मास्क पहनने से कोई फायदा नहीं होगा। हवा के साथ सारे टॉक्सिक एलीमेंट्स आपके सांस के साथ अंदर जाएंगे। ये मास्क पर्चेज कर सकते हैं।-स्पोर्ट्स पॉल्यूशन मास्कये मास्क इलेक्ट्रोस्टेटिक क्लाउड रिपलेसेबल फिल्टर्स के साथ आते हैं। ये फिल्टर्स हवा में मौजूद पीएम 2.5 सहित कार्बन मोनो ऑक्साइड को ब्रीदिंग के साथ अंदर नहीं आने देते। ये मास्क उन लोगों के लिए ठीक हैं, जो रनिंग या जॉगिंग के लिए बाहर जाते हैं। ये चार हजार रुपये की रेंज में मार्केट में अवेलेबल हैं। -रेस्पोलेयर एंटीपॉल्यूशन मास्कइनमें में एक्टिव रेस्पोलेयर होता है। ये हवा में मौजूद टॉक्सिक गैसेस सल्फर डाइ ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड सहित पीएम 2.5 के कणों को भी फिल्टर करता है। ये मार्केट में 250 रुपये में अवेलेबल है।
-एन-95 मास्कइस मास्क को एन-95 रेटिंग मिली है। ये मार्केट में काफी पॉपुलर है। इसमें माइक्रोफाइबर पार्टिकल फिल्टर, कार्बन फिल्टर लगा है। इसमें सांस लेने के लिए एक से दो एक्सहैलेशन वाल्व भी लगे हैं। ये मार्केट में डिफरेंट डिजाइंस और साइज में अवेलेबल है। इसकी प्राइस दो हजार रुपये है। पॉल्यूशन से बचने के लिए एन-95, एन-99 मास्क या एनआईओएसएच (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ) द्वारा सर्टिफाइड मास्क ही पहनना चाहिए। हवा में मौजूद अति सूक्ष्म कण ऑर्डिनरी मास्क से नहीं रूक पाते हैं।-डॉ। देवाशीष भट्टाचार्य, ईएनटी स्पेशलिस्ट और एनवॉयरमेंटलिस्ट बच्चों को हाई पॉल्यूशन रेट होने पर घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। तीन साल से छोटे बच्चों को मास्क नहीं पहनाना चाहिए। इससे उन्हें चोकिंग की शिकायत हो सकती है। तीन साल से बढ़े बच्चों को मास्क पहनाएं तो बार-बार चेक करते रहना चाहिए कि उन्हें ब्रीद करने में कोई प्रॉब्लम तो नहीं हो रही है।-डॉ। अरूण जैन, चाइल्ड स्पेशलिस्ट