नहीं हो रही साफ-सफाई, यही मुश्किल है भाई
- गंदगी से परेशान वार्ड-25 के निवासी
- इलाके में नहीं आते हैं सफाईकर्मी, पब्लिक में खासी नाराजगीमेरठ। वार्ड-25 कहने को तो शहर के पॉश इलाकों में है पर गंदगी ने यहां के निवासियों को मुश्किलों में डाल दिया है। हालत यह हैं कि लोगों को प्राइवेट स्तर पर कर्मचारी बुलाकर सफाई करानी पड़ती है। इस बाबत कई बार लोग नगर निगम से इसकी शिकायत कर चुके हैं बावजूद इसके, नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं देता है। गंदगी ही नहीं, यहां पर नाले व नालियों का भी यही हाल है। स्थानीय लोगों की मानें तो नालियों की महीनों से साफ-सफाई नहीं की गई है। लेकिन नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। यह हाल तब है जब महापौर यहां खुद रहते हैं। कसेरू बक्सर में एक निगम ने तालाब बना रखा है। वह भी गंदगी से अटा पडा है। महापौर खुद विशेष सफाई अभियान कई बार गंगानगर सहित पूरे वार्ड मे करा चुके हैं। यहां की स्ट्रीट लाइट का भी बुरा हाल है। शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है। कहने को नगर निगम पूरे शहर में एलईडी बल्ब लगाने का काम कर रहा है। हैंडपंप भी यहां के खराब पडे़ हुए हैं।
ये है डिमांड - सफाई दोनो समय होनी चाहिए- स्टीट लाइट ठीक होनी चाहिए
- नालियों की सफाई नियमित होनी चाहिए - इलाके के हैंडपंप ठीक होने चाहिए - नालों की सफाई होनी चाहिए वार्ड -25 पार्षद- दिनेश कुमार जनसंख्या- 19,000 वोटर- 14,000 मोहल्ले- गंगानगर समस्त ब्लॉक, कसेरू बक्सर, यशोदा कुंज, पीएनएल कॉलोनी, लाल पार्क, राजेंद्रपुरम, कोजी कॉलोनी, राधा गार्डन, अम्हैड़ा रोड पढ़ाई- 10वीं पास प्रश्न- पांच साल में वार्ड में क्या विकास कराया आपने उत्तर- पांच साल में मैंने अपने वार्ड में 14 करोड़ रुपये से अधिक का विकास कराया है। जिसमें पार्को का सौंदर्यीकरण, सड़क, पुलिया, इंटरलॉकिंग टॉयल का निर्माण कराया है। इसके अलावा लोगों की समस्या सुनकर उनका समाधान कराता हूं। प्रश्न- वार्ड में गंदगी बहुत रहती है उत्तर- गंदगी का मुख्य कारण नगर निगम द्वारा तैनात सफाई कर्मी का न आना है। वार्ड में 22 सफाई कर्मी तैनात है लेकिन कभी भी पूरे नहीं आते हैं। जिसके कारण यह समस्या रहती है। इस बाबत कई बार शिकायत कर चुका हूं। प्रश्न- स्ट्रीट लाइट भी ठीक नहीं हैंउत्तर- स्ट्रीट लाइट काफी ठीक हैं। जो बंद पड़ी हैं उनको भी जल्द ठीक करा दिया जाएगा। वैसे सभी स्ट्रीट लाइट पर एलईडी बल्ब लगाने का काम चल रहा है।
। नाले पूरे शहर की तरह यहां का नाला भी गंदगी से अटा है। पता नहीं कब इस नाले की सफाई हुई थी। पूरे वार्ड का कूड़ा एकत्र होकर नाले में गिराया जाता है। महापौर का निवास होने के बाद भी यहां के नाले की सफाई नहीं होती है। बारिश के दिनों में मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। नालियां यहां की नालियों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। कई महीनों से नालियों की सफाई नहीं होती है। प्राइवेट सफाई कर्मी को पैसे देकर लोग नालियों की सफाई कराते है। बावजूद इसके नगर निगम ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। स्ट्रीट लाइट स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं। शाम होते ही वार्ड में कई स्थानों पर अंधेरा पसर जाता है। लोग कई बार स्ट्रीट लाइट को ठीक कराने की मांग कर चुके हैं। कई बार नगर निगम में लिखित में भी शिकायत दे चुके हैं। लेकिन नगर निगम के अधिकारी हैं कि सुनने को तैयार ही नहीं र्है। लोगो में नगर निगम के खिलाफ खासा रोष है। गंदगीवार्ड-25 में गंदगी का अंबार रहता है। लोगों की और पार्षद की माने तो नगर निगम ने सफाई कर्मचारी पूरे नहीं आते हैं। जिसके कारण गंदगी रहती हैं। पार्षद से लेकर स्थानीय लोग भी अनेक बार शिकायत कर चुके हैं। लेकिन नगर निगम के अधिकारी हैं कि सुनने को तैयार ही नहीं है।
गोबर वार्ड-25 में डेयरियां भी बहुत हैं। लोग कई बार इन डेयरियों को बाहर करने की मांग कर चुके हैं। एमडीए नगर निगम पर और नगर निगम एमडीए पर जमीन न देने की बात कहकर कैटल कॉलोनी बनाने की बात से पलड़ा झाड़ लेते हैं। डेयरी संचालक जगह- जगह गोबर से उपले बनाते हैं। वर्जन यहां पर नालों की सफाई नहीं होती है। डेयरियों का सारा गोबर नाले में ही जाता है। हालात यह है नाले चौक हो गए हैं। नालों में गोबर होने के कारण बहुत अधिक मच्छर हो जाते हैं। इसकी सफाई होनी चाहिए। पंकज वत्स यहां पर मुख्य समस्या नाला सफाई और सड़क की है। यहां पर सड़कों पर डिवाइडर नहीं है। साथ ही नाला सफाई भी नहीं होती है। नाला सफाई के लिए अनेक बार नगर निगम में शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। जोनीयहां पर स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हुई है। अनेक बार शिकायत कर चुके हैं। पर सुनवाई कहीं पर नहीं होती है। टोल फ्री नंबर पर भी शिकायत की थी। लेकिन समाधान आज तक नहीं हुआ है।
नितिन चौहान वार्ड में अनेक स्थानों पर गोबर रहता है। डेयरी वाले गोबर को प्लॉट्स में या फिर सर्विस लेन पर डाल देते हैं। जिसके कारण मच्छरों की समस्या होती है। नगर निगम को इस ओर ध्यान देना चाहिए। प्रमोद सैनी