लोकसभा चुनावों में मिली शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस पार्टी को लोकसभा में नेता विपक्ष पद के लिए पूरा जोर लगाना पड़ रहा है. इस संबंध जब मोदी सरकार ने अटॉर्नी जनरल से उनकी राय मांगी तो अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि सीटों के हिसाब से कांग्रेस को नेता विपक्ष का पद नही मिलना चाहिए.


कांग्रेस के लिए नेता विपक्ष भी नहीकेंद्र सरकार के कांग्रेस को नेता विपक्ष के पद के संबंध भारत के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से राय मांगी थी. इस संबंध में अटॉर्नी जनरल ने अपनी राय दी है कि लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के किसी भी पार्टी के पास कम से कम लोकसभा की 10 परसेंट सीटें होनी चाहिए और कांग्रेस के पास सिर्फ 44 सीटें हैं इसलिए कांग्रेस को विपक्ष का नेता नही बनना चाहिए. नही मानेगी कांग्रेस पार्टी


इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि भारतीय संसद अटॉर्नी जनरल की राय मानने को मजबूर नही है और अटॉर्नी जनरल रोहतगी की इस राय से कांग्रेस की मांग की अहमियत कम नही होती है. कांग्रेस को सदन में नेता विपक्ष का पद मिलना ही चाहिए. उल्लेखनीय है कि 1984 चुनावों में 415 सीटें लाने वाली कांग्रेस ने किसी को भी नेता विपक्ष का पद नही दिया था. राज्ससभा में भी उठा शोर

कश्मीर से आने वाले राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को तटस्थ रहते हुए संसद में विपक्ष की आवाज को उठने देना चाहिए और मोदी सरकार को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के एपॉइंटमेंट के समय में उदार रवैया अपनाना चाहिए. आजाद ने प्रेसीडेंट हाउस में एक समारोह के बाद कहा,'लोकतंत्र में असहमति का स्वर बहुत महत्व रखता है. अगर संसद में असहमति की आवाज नहीं सुनी जाती तो यह वास्तविक लोकतंत्र नहीं कहलाएगा. बाहर लोकतंत्र है, संसद के भीतर भी लोकतंत्र होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संसद में विरोध की आधिकारिक आवाज नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) के माध्यम से उठाई जाती है.' इसके बाद आजाद ने कहा 'हमने सोचा था कि सरकार उदारता दिखाएगी और हमें नेता प्रतिपक्ष का पद दे देगी. उन्हें उदार होना चाहिए और विपक्ष को आवाज उठाने के लिए एलओपी का पद देना चाहिए. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं दिया गया.'

Posted By: Prabha Punj Mishra