कांग्रेस प्रेसिडेंट पद के लिए के आज सोमवार को मतदान है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को कर्नाटक के बल्लारी में भारत जोड़ो यात्रा के शिविर में नए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए अपना वोट डाला। नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

नई दिल्ली (आईएएनएस / एएनआई)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को कर्नाटक के बल्लारी में भारत जोड़ो यात्रा के शिविर में नए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए अपना वोट डाला। राहुल गांधी ने कैंपसाइट पर मतदान किया जिसे चुनाव के लिए मतदान केंद्र में बदल दिया गया था। कांग्रेस के ट्विटर से मिली जानकारी के अनुसार, वायनाड के सांसद ने 40 अन्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रतिनिधियों के साथ भारत जोड़ो यात्रा के बीच विशेष बूथ पर अपना वोट डाला।
67 बूथ बनाए गए
कांग्रेस के करीब 9,300 प्रतिनिधि सोमवार को दो दावेदारों मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने के लिए मतदान करेंगे। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कार्यालयों में सुबह 10.00 बजे से शाम 4.00 बजे तक मतदान हुआ। पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार, लगभग 67 बूथ बनाए गए हैं। मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, सभी बैलेट बॉक्स नई दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में लाए जाएंगे। मतपत्र 18 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेंगे और मतों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी। मतगणना समाप्त होते ही परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी डाला वोट
सीईए के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा एआईसीसी में भी एक बूथ होगा, खासकर सभी वरिष्ठ नेताओं, कार्य समिति के सदस्यों और उन सभी के लिए जिनके पहचान पत्र अलग राज्य से हैं लेकिन दिल्ली में रह रहे हैं। अगर वे हमें लिखते हैं कि वे दिल्ली में वोट करना चाहते हैं तो हम यहां भी व्यवस्था करेंगे, वे यहां एआईसीसी में भी वोट कर सकते हैं। उन्होंने मतदाताओं को मतपत्र की गोपनीयता का भी आश्वासन दिया।

सोनिया गांधी पार्टी की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली अध्यक्ष
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब कोई गैर-गांधी नेता आजादी के बाद पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहा है। जितेंद्र प्रसाद ने करीब 22 साल पहले सोनिया गांधी के खिलाफ प्रेसीडेंट पद के लिए चुनाव लड़ा था, जिसमें सोनिया 20 साल तक पार्टी की कमान संभालने वाली विजेता बनकर उभरी थीं। सोनिया गांधी पार्टी की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली अध्यक्ष हैं, जिन्होंने 1998 से 2017 तक और 2019 के बाद से बीस वर्षों से अधिक समय तक कार्यालय संभाला है। इस बार गांधी परिवार का कोई भी सदस्य अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ रहा है।

Posted By: Shweta Mishra