दिल्ली में सरकार का बनना अब भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी का समर्थन लेने के लिए रखी गईं आम आदमी पार्टी की 18 शर्तें सियासी चर्चा की नई धुरी बन गई हैं.


कांग्रेस ने कहा है कि आम आदमी पार्टी अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है जबकि भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि आप अपनी शर्तें दूसरे पार्टियों पर थोप रही है.कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को लिखे केजरीवाल के पत्र में  18 मुद्दों का ज़िक्र है.इनमें दिल्ली में वीआईपी कल्चर बंद करना, जनलोकपाल बिल पारित करना, दिल्ली में स्वराज की स्थापना, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा, महिलाओं को सुरक्षा के लिए विशेष बल बनाना और झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को पक्के मकान देना जैसी बातें शामिल हैं.'सरकार बनाएं'कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने आप से कहा, "अपनी जिम्मेदारी से मत बचिए, दिल्ली को फिर से चुनावों में मत झोंकिए. हम आपको इसलिए समर्थन दे रहे हैं कि ताकि दिल्ली का विकास हो, दिल्ली के लोगों को मुश्किल न हो."


उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के नताजों को स्वीकार किया है. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री लवली ने कहा, "आप पार्टी सत्ता में नहीं आना चाहती है, बल्कि वो विपक्ष में रहना चाहती है."

दिल्ली विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. भाजपा सबसे ज्यादा 31 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शऩ करते हुए 28 सीटें हासिल कीं."आज जिस तरह का कार्यक्रम थोपा गया है, उससे तो लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है. कार्यक्रम तो वो है जो उन्होंने दिल्ली के लोगों से वादे किये थे. उसे पूरा करना चाहिए."-हारुन यूसुफ, कांग्रेस नेताकांग्रेस को सिर्फ आठ सीटों से संतोष करना पड़ा.भाजपा पहले ही सरकार बनाने से इनकार कर चुकी है जबकि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की है लेकिन आप ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर 18 मुद्दे सामने रखे हैं जिन पर सहमति के बाद ही वो कांग्रेस का समर्थन स्वीकार करेगी.'लोकतंत्र का मज़ाक'लवली ने इन आशंकाओं को सिरे से खारिज किया कि कांग्रेस पार्टी आम आदमीप पार्टी को समर्थन देने के बाद तुरंत समर्थन वापस ले सकती है.आप के नेता कुमार विश्वास ने कहा, "हम भाजपा और कांग्रेस की भ्रष्टाचारी राजनीति के विरोध में आए हैं. अब तक सत्ता के लिए सरकारें बनती थीं पहली बार ऐसा हो रहा है कि सरकार मुद्दों और सिद्धांतों के आधार पर बन रही है."

आप को समर्थन देने पर कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा, "हम दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं चाहते हैं इसलिए केजरीवाल को बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं. साथ ही दिल्ली की जनता पर बार-बार चुनाव का बोझ न पड़े इसलिए हमने उन्हें समर्थन देने की बात कही है. यदि वे सरकार बनाने का तैयार हैं तो हमारा समर्थन उनके साथ है."जनता दल यूनाइटेड के दिल्ली में अकेले विधायक शोएब इकबाल ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का पत्र उपराज्यपाल को सौंपा था.हालांकि केजरीवाल के बयान के बाद शोएब इक़बाल मानते हैं कि अब दिल्ली में सरकार नहीं बन पाएगी. उन्होंने कहा, "अब दिल्ली में सरकार नहीं बनेगी. दिल्ली राष्ट्रपति शासन की ओर चली गई है. अरविंद केजरीवाल के रुख के बाद यह नज़र आता है कि राष्ट्रपति शासन लगेगा और दोबारा चुनाव होंगे."

Posted By: Subhesh Sharma