सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 15 नवंबर तक लगाई निर्माण कार्यो पर रोक

निरीक्षण को नहीं पहुंची प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम, हॉट मिक्स प्लांट पर रोक प्रभावी

Meerut। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (डीएमई) का निर्माण कार्य फिलहाल टल गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने मेरठ समेत दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यो पर रोक को बढ़ाकर 15 नवंबर तक कर दिया है। वहीं दूसरी ओर यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम निर्देश के बाद भी एनएचएआई पर पॉल्यूशन के लेवल का सर्वे करने नहीं पहुंची। हॉट मिक्स प्लांट, क्रैशर को बंद रखने के आदेश सीपीसीबी ने जारी किए हैं, ऐसे में एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अधर में है।

निर्माण पर बढ़ा प्रतिबंध

पिछले सप्ताह मेरठ सहित एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण एनजीटी, ईपीसीए और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी, जिससे मेरठ में परतापुर तिराहे पर इंटरचेंज का काम ठप हो गया था। हालांकि एनएचएआई की ओर से निर्माण स्थलों पर लगातार पानी का छिड़काव किया जाता रहा। बीते सप्ताह प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ तो वहीं मंगलवार एक बार फिर मेरठ में एक्यूआई का लेवल 338 तक पहुंच गया। जो वेरी पूअर की श्रेणी में आता है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली-एनसीआर में भी प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी रिकार्ड की जा रही है। ऐसी स्थिति में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने एक बार फिर निर्माण कार्यो में रोक को बढ़ाकर 15 नंवबर तक कर दिया है।

मैटेरियल पर भी रोक

एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद कुमार ने बताया कि सीपीसीबी के निर्देशों के अनुपालन में 15 नवंबर तक डीएमई के निर्माण कार्यो पर रोक बरकरार रहेगी। इसके साथ-साथ हॉट मिक्स प्लांट और क्रेशर चलाने पर भी रोक है। जिससे एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए मैटेरियल भी नहीं मिल रहा है। प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि निर्माण कार्यो पर काम शुरू होते ही सबसे पहले परतापुर इंटरचेंज और बहादरपुर अंडरपास पर काम शुरू किया जाएगा। मेरठ-दिल्ली रेलवे लाइन के बीच इमरजेंसी अंडरपास को भी खोलने का प्रयास किया जाएगा।

जिला प्रशासन में मची रही अफरा-तफरी

मेरठ: एक्सप्रेस-वे के लिए मेरठ में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है, वहीं ज्यादातर विवादों का निपटारा भी कर दिया गया है। हालांकि अभी भी खसरा नंबर 336 में बने 3 स्ट्रक्चर नहीं हटाए जा सके है। जिसको लेकर बुधवार को जिला प्रशासन चकरघिन्नी बना रहा। मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों से विवाद पर स्पष्टीकरण तलब किया गया। जिसपर डीएम अनिल ढींगरा ने प्रभारी एडीएम एलए और एडीएम प्रशासन रामचंद्र समेत विभागीय को आड़े हाथों ले लिया। डीएम ने निर्देश दिए हैं जल्द से जल्द विवाद का निपटारा कर निर्माण को हटाकर जमीन एनएचएआई को सौंपी जाए।

Posted By: Inextlive