--गायनी में प्रसव के लिए आयी महिला और मेडिसिन व शिशु विभाग में भर्ती मरीज में हो चुकी है संक्रमण की पुष्टि

--रिम्स अधीक्षक ने जारी किया आदेश, मरीजों के सैंपल के साथ एसआरएफ फॉर्म भरकर भेजने का निर्देश

रांची : रिम्स प्रबंधन अब अस्पताल में भर्ती मरीजों के सैंपल की जांच करने की तैयारी में है। रिम्स के दो विभागों में भर्ती मरीज में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। रिम्स अधीक्षक ने सभी क्लीनिकल डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि इंडोर में भर्ती मरीजों के कोविड 19 के सैंपल कलेक्शन कराकर जांच कराएं। सभी विभागाध्यक्षों को पैथोलॉजी विभाग के सह प्राध्यापक डॉ अंशु जमियार को सूचित करने की बात कही है। साथ ही अपने अन्तर्गत उन सभी मरीजों का एसआरएफ फॉर्म भरकर तैयार कर उसे सैंपल के साथ भेजने का भी निर्देश दिया गया है। कर्मी को सैंपल कलेक्शन के लिए वार्ड में समय भेजा जाएगा।

समय-समय पर जांच

इधर, रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने कहा कि अस्पताल के जितने भी कर्मचारी हैं जो कोविड ड्यूटी पर लगाए गए हैं, सभी की समय-समय पर जांच होती रहेगी। बता दें कि प्रबंधन पूर्व में ही पूरी तरह से लापरवाही कर चुका है। नतीजा है कि पूर्व में गायनी वार्ड में प्रसव कराने आयी महिला के पॉजिटिव निकलने के बाद भी गुरुवार को वहीं हुआ। डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट नहीं पहने थे।

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लेबर ओटी में सैनिटाइजेशन शुरू

रिम्स के गायनी वार्ड में 20 दिन पूर्व प्रसव कराई दो महिला के संक्रमित होने के बाद भी यह सिलसिला जारी है। गुरुवार को भी मांडर की 25 वर्षीय महिला का प्रसव के बाद जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। जिसके बाद दूसरी बार लेबर ओटी को पूरी तरह सील कर दिया गया है। सील करने के बाद ओटी की सफाई जारी है। हालांकि पहली बार की तरह इस बार बड़ी लापरवाही नहीं हुई है। डॉक्टर के अलावा करीब 12 स्वास्थ्यकर्मी ही संक्रमित मरीज के संपर्क में आए थे। इनमें से शुक्रवार को दो डॉक्टर और दो नर्सो का सैंपल जांच के लिए लिया गया है। रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह ने बताया कि बाकी कर्मचारियों का रोटेशन नहीं होने की वजह से कई शुक्रवार को छुट्टी पर थी। जिस वजह से उनका सैंपल नहीं लिया गया। उन नर्स व कर्मचारियों का सैंपल शनिवार को लिया जाएगा।

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नर्सिंग स्टूडेंट्स अब जा सकेंगी घर

रिम्स नर्सिंग कॉलेज की लगभग 200 छात्राएं अब घर जा सकेंगी। ये लॉक डाउन में फंस गई हैं। कॉलेज बंद है और कोरोना के डर से छात्राएं परेशान थीं। छात्राओं की गुहार को नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन ने अनसुना कर दिया था। इसके बाद छात्राओं ने छात्र नेता कुमार रोशन से संपर्क किया। विधायक अंबा प्रसाद के माध्यम से डीसी रांची से बात की, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद विधायक राजेश कच्छप के माध्यम से मुख्य सचिव को अवगत कराया। मुख्य सचिव के निर्देश के आलोक में स्वास्थ सचिव ने रिम्स डायरेक्टर को त्वरित कार्रवाई करते हुए छात्राओं को घर भेजने के लिए कहा है। लॉकडाउन में फंसीं छात्राओं में झारखंड के अलावा, प। बंगाल, बिहार और छत्तीसगढ़ की हैं।

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Posted By: Inextlive