रांची(ब्यूरो)। कोरोना टेस्ट करने को लेकर रिम्स पर प्रेशर कम होगा। वर्तमान में रांची सहित राज्य के कई अलग-अलग जिलों में भी कोरोना मरीज डिटेक्ट होने पर उसकी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमर्स चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) टेस्ट रिम्स रांची सहित शहर के दूसरे प्राइवेट लैब में होती है। जिले के सरकारी अस्पतालों से आने वाले कलेक्शन के कारण रिम्स पर टेस्ट करने को लेकर बहुत अधिक प्रेशर बना रहता है, लेकिन अब रिम्स पर काम का दबाव कम होगा, क्योंकि झारखंड सरकार राज्य के 12 जिलों में आरटी पीसीआर टेस्ट लैब स्थापित करेगी। इससे दूसरे जिलों में भी कोरना टेस्ट शुरू होगा।

सितंबर तक स्थापित होंगे

स्वास्थ विभाग द्वारा 12 जिलों में आरटीपीसीआर लैब स्थापित करने का काम सितंबर के अंत तक हो जाएगा। चतरा, सिमडेगा, सरायकेला खरसावां, गढ़वा, कोडरमा, खूंटी, जामताड़ा, लातेहार, लोहरदगा, रामगढ़, पाकुड़ और गिरिडीह जिले में ये लैब तैयार किए जा रहे हैैं।

एक लैब पर 30 लाख खर्च

एक आरटीपीसीआर लैब पर 30 लाख रुपए खर्च होंगे। सबसे अच्छी बात यह है कि इन लैब में मशीन की उपलब्धता यूनिसेफ की ओर से कराई जा रही है। लैब में लगने वाले दूसरे समान स्वास्थ्य विभाग अपने पैसे पर लगा रहा है। इनमें लैब के इंटीरियर से लेकर दूसरे इक्विपमेंट्स शामिल हैैं।

फिलहाल सात जिलों में

कोरोना के सेकेंड वेब के बाद सरकार ने राज्य के सात जिलों में आरटीपीसीआर लैब बनाने का काम शुरू किया है। यह काम करीब-करीब पूरा हो गया है और अब इसे सिर्फ मान्यता मिलने की इंतजार है। मान्यता मिलते ही ये लैब भी शुरू हो जाएंगे। रांची, जमशेदपुर, बोकारो, चाईबासा, दुमका और देवघर में सात लैब तैयार किए गए हैं। नई दिल्ली स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को लैब का इंस्पेक्शन करने के लिए पत्र भेजा गया है। वहां से टीम आते ही लैब का इंस्पेक्शन होगा और स्वीकृत मिलने के बाद यहां की जांच शुरू हो जाएगी।

अभी सात लैब में टेस्ट

कोरोना की जांच के लिए वर्तमान में सात आरटीपीसीआर लैब में जांच की जा रही है। इनमें रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर, वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक के अलावे पीएमसीएच धनबाद और इटकी में लैब संचालित हो रहे हैैं।