Coronavirus in Europe कोरोना वायरस के चलते यूरोप में आईसीयू की भारी कमी देखी गई है। इसको लेकर देश में अस्थाई अस्पताल बनाए जा रहे हैं।

रोम (एपी)कोरोना वायरस से संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसकी वजह से यूरोपीय देशों में सघन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) की भारी कमी हो गई है। यूरोपीय देश मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नए अस्थायी अस्पताल बना रहे हैं। इसके अलावा, कोरोना के मरीजों को हाई स्पीड ट्रेनों व सैन्य विमानों के जरिए कम प्रभावित शहरों के अस्पतालों में भेज रहे हैं। इसी बीच, सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या नए अस्पतालों के लिए इतनी जल्दी पर्याप्त संख्या में स्वस्थ चिकित्साकर्मी मिल सकेंगे। चीन के बाद अब इटली में भले ही कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या में कमी आ रही हो लेकिन स्पेन व फ्रांस के अस्पताल कोरोना मरीजों से भर चुके हैं।

अमीर देश भी स्वीकार करने लगे हैं मदद

वहीं, अमेरिका और ब्रिटेन में तो कोरोना मरीजों की बाढ़ सी आ गई है। पेरिस में एक इमरजेंसी वर्कर क्रिस्टोफ प्रुधोम ने मौजूदा हालात के बारे में बताते हुए कहा, 'ऐसा लगता है जैसे हम तीसरी दुनिया के किसी देश में हैं। हमारे पास पर्याप्त संख्या में मास्क और सुरक्षा उपकरण तक नहीं हैं। इस हफ्ते के आखिर तक हमें शायद और दवाओं की जरूरत भी पड़ेगी।' हालात को ऐसे भी समझा जा सकता है कि धनी देश अब अपने से कम धनी देशों से मदद स्वीकार करने लगे हैं। बता दें कि बुधवार को रूस ने चिकित्सा उपकरण और मास्क अमेरिका भेजे हैं। इसके अलावा क्यूबा ने भी अपने डॉक्टर फ्रांस भेजे हैं। तुर्की ने जहाज भरकर मास्क, हेजार्डस मैटिरियल सूट, गोगल्स और कीटाणुनाशक इटली और स्पेन भेजे हैं।

रोबोट कर रहे हैं देखभाल

इसी बीच, यह खबर भी सामने आई है कि यूरोप में डाॅक्टरी स्टाफ को बचाने के लिए रोबोट नर्स टाॅमी कोविड-19 मरीजों की देखभाल कर रहा है. उत्तरी लोम्बार्डी क्षेत्र के शहर वारिस के सर्कोलो अस्पताल में नर्स टॉमी मरीजों की देखभाल कर रहा है. अस्पताल में इंटेसिव केयर के निदेशक डॉक्टर फ्रांसेस्को डेंटी ने कहा, 'यह अस्पताल में एक तरह से नर्स का काम करते हैं व इनसे मरीजों में संक्रमण फैलने का भी डर नहीं है.' बता दें कि बड़ी-बड़ी पलकें झपकाने वाले बच्चे के आकार के रोबोट को कमरों में भर दिया गया है और उन्हें एक मरीज के बिस्तर के पास रखा गया है ताकि डॉक्टर दूसरों की देखरेख कर सकें जो अधिक गंभीर परिस्थितियों में हैं। वे कमरे के उपकरणों से मापदंडों की निगरानी करते हैं, उन्हें अस्पताल के कर्मचारियों को रिले करते हैं। रोबोट में टच-स्क्रीन चेहरे होते हैं जो मरीजों को संदेश रिकॉर्ड करने और उन्हें डॉक्टरों को भेजने की अनुमति देते हैं।

Posted By: Mukul Kumar