पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में एक व्यक्ति ने खुद को क्वारंटीन करने के लिए एक नाव का इस्तेमाल किया है। हालांकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है।

कोलकाता (आईएएनएस) कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर दूसरे जिले से क्षेत्र में आने वाले एक 60 वर्षीय व्यक्ति को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं आइसोलेशन में रहने की सलाह दी थी, जिसके बाद उसने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में एक नाव में खुद को क्वारंटीन कर लिया। 'कीर्तन' गाकर अपना जीवन व्यापन करने वाले निरंजन हल्दर पांच दिन पहले हबीबपुर ब्लॉक के अंतर्गत दुबापारा गांव में अपनी भतीजी से मिलने आए थे। नादिया जिले के रहने वाले हल्दर को दुबापारा में गांववालों ने खूब परेशान किया। उन्होंने उनसे कोरोना वायरस संक्रमण के लिए खुद की जांच करवाने की मांग की। हैदर ने अपने बयान में कहा, 'उन्होंने मुझे एक स्वास्थ्य परीक्षण से गुजरने के लिए कहा था क्योंकि मैं दूसरी जगह से आया था। मैंने जांच करवाई, हालांकि मुझे खांसी या बुखार जैसे कोई लक्षण नहीं थे।'

गांववालों ने दी नाव में रुकने की सलाह

फिर भी, स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें 14 दिनों के लिए होम क्वारंटीन में रहने की सलाह दी। इसने हल्दर के लिए एक समस्या पैदा कर दी। उनकी भतीजी के घर में केवल दो कमरे थे, जहां आइसोलेशन संभव नहीं था। इसके बाद, कुछ ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि वह टेंगोन नदी के किनारे एक नाव में रुक सकते हैं, जो जो गांव के श्मशान से होकर बहती है। हल्दर ने कहा, 'अगर मैं अपनी भतीजी के घर में खुद को क्वारंटीन करता तो उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए खुले आसमान के नीचे रहना पड़ता। इसलिए, मैं नाव में रह रहा हूं। मैं अपना खाना भी पका रहा हूं।' यह मामला ब्लॉक प्रशासन के संज्ञान में है, जो अब हल्दर को एक क्वारंटीन सेंटर में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहा है।

Posted By: Mukul Kumar