उत्तर प्रदेश छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र व गुजरात के मुख्यमंत्रियों और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के नाम से फर्जी राशनकार्ड जारी होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने राशनकार्ड जारी करने की मौजूदा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव करने का फैसला किया है. अब विभाग के अधिकारी आवेदक के निवास प्रमाण पत्रों का व्यक्तिगत रूप से सत्यापन करने के बाद ही नया राशनकार्ड जारी करेंगे. यही नहीं वे यह भी जांचेंगे कि आवेदक वहां खाना पकाता है या नहीं.


राशनकार्ड जारी करने के नियम में खामियांगत अक्टूबर से मार्च, 2013 के दौरान हजारों नए राशनकार्ड जारी हुए. राज्य सरकार ने राशनकार्ड जारी करने की इस प्रक्रिया में कई खामियां पाई हैं. सरकार का मानना है कि इन खामियों के पीछे एक कारण राशनकार्ड जारी करने की सात दिन की मौजूदा समयसीमा भी है. नए आदेश में सरकार ने सात दिन की समयसीमा को एक महीने कर दिया है.राशनकार्ड जारी करने में लापरवाहीसरकार ने माना कि अक्टूबर, 2012 से मार्च, 2013 के दौरान विशेष रूप से नारंगी रंग के राशनकार्ड (गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के लिए) जारी करने में काफी लापरवाही बरती गई. उक्त अवधि में प्रति माह करीब दस हजार से अधिक नारंगी रंग के राशनकार्ड जारी किए गए.यूपी और छत्तीसगढ़ सीएम के नाम बने राशनकार्ड
नाशिक तहसील कार्यालय से यूपी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के नाम राशनकार्ड जारी हो गए. अमरावती में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और महेंद्र सिंह धौनी के नाम वाले राशनकार्ड जारी किए गए. जिलाधिकारी स्तरीय जांच में खुलासा हुआ कि संबंधित विभागों से कोरे राशनकार्ड चोरी हुए थे.Report by: Ravikiran Deshmukh (Mid Day)

Posted By: Satyendra Kumar Singh