देखकर कैमरा मुंह छिपा लेते बदमाश
शहर के बैंकों में आंखों से नजर आते हैं सीसीटीवी कैमरे
सुरक्षा के लिहाज से मददगार हीडेन कैमरे, पुलिस करेगी प्रयास द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: शहर के बैंकों में लगे सीसीटीवी हर किसी को आसानी से नजर आते हैं। सीसीटीवी कैमरों को देखकर संदिग्ध अपना चेहरा छिपा लेते हैं। वारदात होने के बाद जब पुलिस फुटेज खंगालती है तो आसानी से सुराग नहीं मिल पाता है। शहर के अंदर पूर्व में कई बार ऐसी वारदातें हुई जिनमें सीसीटीवी कैमरे धोखा दे गए हैं। कैमरों की फुटेज पुलिस के किसी काम नहीं आ सकी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हिडेन कैमरों से कोई संदिग्ध अंदाजा नहीं लगा पाता है। इसलिए आसानी से उसकी पहचान उजागर हो जाती है। कोरम पूरा करने को लगाए गए कैमरेशहर में बैकों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। लेकिन इन सीसीटीवी कैमरों के रख-रखाव को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई नहीं जाती। पुलिस की चेकिंग में अक्सर ऐसा सामने आता है कि कैमरे ठीक से काम नहीं कर रहे। पुलिस अधिकारियों की चेतावनी पर बैंक अधिकारी सीसीटीवी कैमरों के प्रति संजीदगी दिखाते हैं। वरना, इसके बारे में चिंता तभी की जाती है जब कोई घटना हो जाती है। शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बैंक के कैमरों की हालत देखी। सामने आया कि बैंक की सुरक्षा में लगे कैमरों को आसानी से नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
हिडेन कैमरे होते तो बनती बात शहर के अंदर ज्यादातर बैंकों में दिखाई देने वाले कैमरे लगे हैं। बैंक परिसर से लेकर अंदर तक इन कैमरों को आसानी से देखा जा सकता है। इसलिए वारदात के पहले चोर, लुटेरे, बदमाश कैमरों के कवरेज का अंदाजा लगा लेते हैं। पुलिस की जांच में सामने आ चुका है कि वारदात के पहले बदमाशों ने कैमरे तोड़ दिए जाते हैं। तो कई बार बदमाश इन कैमरों को ढककर या लाइन काटकर चोरी करते हैं। पहचान छिपाने के लिए बदमाश अपना चेहरे पर गमछा, रुमाल या फिर मास्क पहन लेते हैं। शहर में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। शहर में हुई कुछ प्रमुख वारदातें 07 फरवरी 2018: बैंक रोड के एसबीआई से 64 हजार रुपए की लूट, बैंक से पीछा करके बदमाशों ने ग्राहक संग वारदात की। जांच में पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे देखे तो पहचान में प्रॉब्लम हुई। 30 नवंबर 2017: पीपीगंज के बैंक आफ बड़ौदा की ब्रांच में सेंध लगाकर चोर घुसे,10 हजार रुपए के सिक्के और अन्य कागजात ले गए।25 मई 2017: एसबीआई रेलवे कॉलोनी से रुपए निकालकर लौट रहे रिटायर्ड कर्मचारी से 46 हजार की लूट, जांच में बैंक के भीतर लगे कैमरों की संदिग्धों की कोई फुटेज नहीं मिली। बैंक के बाहर लगे कैमरे से कोई तस्वीर नहीं कैद हुई थी।
यह मिलेगा फायदा - बैंक में बाहर से लेकर अंदर तक हीडेन कैमरे होने पर बदमाशों आसानी से भांप नहीं पाएंगे। - नजर आने वाले कैमरों को बड़ी चालाकी से तोड़ दिया जाता है। उनका कनेक्शन भी काट देते हैं। - हीडेन कैमरों पर किसी की निगाह नहीं पहुंचती। इससे जांच पड़ताल में आसानी होती है। - आफिस, दुकान, प्रतिष्ठान में अलग-अलग तरह के कैमरे लगाए जाने चाहिए। - हिडेन कैमरों के लगे होने की जानकारी पर चोर, उचक्के, बदमाश और लुटेरों की पहचान हो जाती है। बैंक की सुरक्षा के लिए करते उपाय - पुलिस की ओर से समय-समय पर चेकिंग कराई जाती है। - चेकिंग में सीसीटीवी कैमरों की स्थिति, अलार्म की सक्रियता देखी जाती है। - सिक्युरिटी सिस्टम की जांच करके उसे एक्टिव रखने का निर्देश दिया जाता है। - थाना, चौकी और पिकेट के पुलिस कर्मचारी गश्त के दौरान हर गतिविधि पर नजर रखते हैं। वर्जनहिडेन कैमरे लगाने के कई तरह के फायदे हैं। दिखाई देने वाले कैमरों को दूर से देखकर वारदात करने वाले संदिग्ध सजग हो जाते हैं। इसलिए वह अपने चेहरे को ढककर पहुंचते हैं। उनकी कोशिश होती है कि कैमरे की रिकार्डिग जद से दूरी पर रहकर अपना काम करें। इससे संदिग्धों को पकड़ने में काफी परेशानी होती है। कुछ जगहों पर हुई वारदातों में हीडेन कैमरों की मदद से बदमाशों की पहचान हो सकी जिससे उनको पकड़ा गया। हीडेन कैमरों के लगाने के लिए बैंक अधिकारियों से बात की जाएगी।
विनय कुमार सिंह, एसपी सिटी