- वारदात के बाद भाग नहीं सकेंगे बदमाश, चप्पे-चप्पे पर होगी नजर

- प्रमुख मार्गो के साथ गली-कूचों के बाजारों में मौजूद प्राइवेट सीसीटीवी कैमरों की जियो टैगिंग

- आईपी एड्रेस व दुकान के मालिक का मोबाइल नंबर का तैयार हो रहा डाटा बेस

- हर पॉलीगॉन में तैनात होगी पीआरवी, भाग रहे बदमाश को दबोचने के लिये तैयार होगा चक्रव्यूह

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW :

राजधानी में अब बदमाशों को वारदात को अंजाम देकर सकुशल भाग निकलने की संभावना पर रोक लगने वाली है। पुलिस कमिश्नरेट ने राजधानी के प्रमुख मार्गो के साथ ही गली-कूचों के बाजारों में मौजूद सीसीटीवी कैमरों की फीड को जरूरत पड़ने पर लाइव देखने का इंतजाम शुरू किया है। इसके तहत अब शहर में मौजूद सभी बाजारों की उन दुकानों को चिन्हित किया जा रहा है जहां इंटरनेट से कनेक्ट सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इतना ही नहीं, इन कैमरों के आईपी एड्रेस व इन दुकानों के संचालकों के मोबाइल फोन का डाटा बेस तैयार किया जा रहा है।

तैयार होगा चक्रव्यूह

राजधानी में बीते दिनों हुई तमाम सनसनीखेज वारदातों को अंजाम देने के बाद बदमाश आराम से रफूचक्कर हो गए। पुलिस ने करोड़ों खर्च कर राजधानी के 72 चौराहों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की फीड जांची तो उसमें बदमाशों का सुराग तक न लग सका। वजह भी साफ थी, बदमाश इन कैमरों को चकमा देते हुए गली-कूचों से होते हुए फरार हो गए। इसी से सबक लेते हुए अब पुलिस ने बदमाशों के लिये चक्रव्यूह तैयार करने की योजना बनाई है। इसके तहत ऐसे सभी कैमरा युक्त दुकानों, बैंक, पेट्रोल पंप की जियो टैगिंग की जा रही है। इन सभी के आईपी एड्रेस व दुकान व पंप मालिकों के मोबाइल नंबर भी लेकर डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। इस काम में हर थाना क्षेत्र में दो कॉन्सटेबल को जुटाया गया है जो कैमरों का लॉन्गटीट्यूड व लैटीट्यूड की फोटो भी सेव कर रहे हैं।

ऐसे काम करेगा सिस्टम

- सभी कैमरों का डाटा बेस लालबाग स्थित स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम में स्टोर किया जाएगा।

- जियो टैगिंग कर सभी एरिया में पॉलीगॉन प्वाइंट तय कर वहां एक पीआरवी 24 घंटे तैनात रहेगी।

- वारदात होने की दशा में मैप पर जियो टैगिंग वाली जगह शो हो जाएगी।

-जिसके बाद डाटा बेस की मदद से आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फीड की कंट्रोल रूम में निगरानी शुरू हो जाएगी।

- बदमाशों के भागने वाली दिशा के पॉलीगॉन प्वाइंट पर तैनात पीआरवी को अलर्ट कर दिया जाएगा।

कुछ व्यापारियों को प्राइवेसी भंग होने का खतरा

शहर भर में चल रही सीसीटीवी कैमरों की जियो टैगिंग को लेकर कुछ व्यापारियों को आपत्ति है। उनका कहना है कि सभी कैमरे एक ही नेटवर्क से कनेक्ट होते हैं। लिहाजा, अपने प्राइवेट सीसीटीवी कैमरों का आईपी एड्रेस देने पर सभी कैमरों की फीड कंट्रोल रूम में बैठा ऑपरेटर कभी भी देख सकता है। इससे उनकी प्राइवेसी भंग हो सकती है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि इन कैमरों की फीड सिर्फ उस एरिया में घटना होने की सूरत में ही देखी जाएगी।

हम सभी को अगर अपराध व अपराधियों से निपटना है तो आधुनिक ढंग से लड़ना होगा। लखनऊ कमिश्नरेट में सीसीटीवी कैमरों की जियो टैगिंग का जो कार्य पुलिस द्वारा कराया जा रहा है, वह सराहनीय है। इसमें सिर्फ दुकान के बाहर के कैमरों का एक्सेस देना है, इसलिए प्राइवेसी भंग होने की कोई संभावना नहीं है।

अमरनाथ मिश्र

महामंत्री, लखनऊ व्यापार मंडल

Posted By: Inextlive