पिछले साल लंदन में हुए दंगों में आपराधिक भूमिका रखने वाले लोगों की पहचान करने के लिए लंदन पुलिस नई 'क्राउड सोर्सिंग' तकनीक का प्रयोग करने पर विचार कर रही है.


पिछले साल अगस्त में हुए दंगों के दौरान सीसीटीवी कैमरों से लिए गए करीब तीन हजार तस्वीरों को पुलिस एक स्मार्टफोन ऐप्लीकेशन यानी कि मोबाइल सॉफ्टवेयर के रिकार्ड में डालेंगे.फेसवॉच आईडी नाम का ये मोबाइल ऐप चेहरों को पहचानने वाले तकनीक पर आधारित है और इसके रिकॉर्ड में मौजूद 2,880 तस्वीरें पोस्ट कोड के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है.रिकॉर्ड में किसी जाने पहचाने व्यक्ति की तस्वीर दिखने पर मोबाइल फोन उपभोक्ता उससे संबंधित जानकारी पुलिस को सीधे ऐप के जरिए भेज सकते है.दंगाइयों की तस्वीरेंस्कॉटलैंड यार्ड के एक अधिकारी मार्क रौले ने कहा, ''ये एक अहम मौका है जब आम जनता अपराध के खिलाफ लड़ाई में हमारी मदद कर सकती है, ताकि दंगे के दोषियों को सजा दी जा सके.''
उन्होंने कहा, ''हम उम्मीद करते है कि लंदन के दो-तिहाई नागरिक जिनके पास स्मार्टफोन है, वो इस ऐपलिकेशन को डाउनलोड करेंगे और सही लोगों को खोजने में हमारी मदद करेंगे.''रौले ने कहा, ''हम चाहते है कि लोग इस ऐपलिकेशन को हर सप्ताह खोले और नई डाली गई तस्वीरों को देखें.''लंदन और आसपास के इलाकों में दंगों से संबंधित मामलों में अब तक करीब तीन हजार लोग लंदन के अदालतों में पेश किए जा चुके है.


पुलिस की गोलियों से एक 29 वर्षीय व्यक्ति मार्क डूगन की मौत के दो दिन बाद पिछले साल छह अगस्त को उत्तरी लंदन के टोटेनहैम में प्रदर्शन किए गए जिसके बाद हिंसा भड़क गई.इस ऐपलिकेशन में अन्य अपराध से संबंधित दो हजार लोगों की भी तस्वीरे उपलब्ध होगी जिनकी तलाश पुलिस को है.

Posted By: Surabhi Yadav