प्रेगनेंसी के टाइम खाने पीने का एक्स्ट्रा ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि बॉडी की रिक्वायरमेंट चेंज हो जाती है. इस टाइम अपने साथ-साथ उस बेबी की रिक्वायमेंट को पूरा करना भी जरूरी होता है जो पेट के अंदर पल रहा होता है. बर्थ के टाइम बेबी का वेट ठीक हो इसके लिए जरूरी है कि डेली डाइट में आइरन लिया जाए.


हार्वर्ड युनिवर्सिटी की एक रीसेंट रिसर्च से पता चला है कि डेली कम से कम 66 mg  आइरन डाइट में लेना चाहिए. ये मदर का एवरेज हीमोग्लोबीन को बढ़ाता है और एनीमिया के रिस्क को कम करता है. एनालिसिस से ये भी पता चला है कि हर दिन 10 mg आइरन को डाइट में इंक्लूड करते हुए आइरन की क्वांटिटी को 66 mg तक बढ़ाना चाहिए. इस से 12 परसेंट मटेरनल एनीमिया का रिस्क कम होता है,  बर्थ वेट 15 g तक बढ़ जाता है और लो बर्थ वेट 3 परसेंट तक कम हो जाता है.
कई कंट्रीज में जब तक आइरन की लो डेफिशियंसी डाइगनोस नहीं होती है तब तक आइरन के इंटेक पर ध्यान नहीं दिया जाता है,खास तौर से ऐसा लो इंकम कंट्रीज में होता है पर ये बात ध्यान रखने वाली है कि आइरन को डेली डाइट में शामिल करना बहुत जरूरी है. इससे मदर और बेबी तो हेल्दी रहता ही है साथ ही बेबी के छोटे साइज होने का रिस्क भी कम हो जाता है.

Posted By: Surabhi Yadav