सुनंदा पुष्कर मौत मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर को बड़ी राहत देते हुए उन्हें बरी कर दिया। यह आदेश थरूर थरूर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव की उपस्थिति में सुनाया गया।


नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली की अदालत ने बुधवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आरोपों से मुक्त कर दिया। राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कहा कि आरोपी को बरी कर दिया गया है। यह आदेश शशि थरूर और उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव की उपस्थिति में सुनाया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत से कहा कि वे आज या कल बांड दाखिल करेंगे। वहीं वर्चुअल हियरिंग के दौरान मौजूद शशि थरूर ने अदालत को धन्यवाद दिया और कहा कि पिछले साढ़े सात सालों से यह एक यातना की तरह था। इस मामले में आदेश पहले भी कई बार टाला जा चुका है।शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात दिल्ली के एक लग्जरी होटल के सुइट में मृत पाई गई थी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस मामले में थरूर मुख्य आरोपी था।शशि थरूर इस समय इस मामले में जमानत पर हैं


पूर्व केंद्रीय मंत्री, जो इस समय इस मामले में जमानत पर हैं, के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए और 306 के तहत आरोप पत्र दायर किया था।विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने हाल ही में अभियोजन और बचाव पक्ष की सभी दलीलें पूरी करने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने तर्क दिया था कि यह एक आकस्मिक मृत्यु नहीं थी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर निर्भर थी जो इंडीकेट करती है कि मौत का कारण जहर है। अतुल श्रीवास्तव ने यह भी कहा था कि पुष्कर की मानसिक क्रूरता के कारण उनकी तबीयत खराब हो गई। उन्होंने आगे कहा कि पुष्कर को पहले किसी भी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ा था, लेकिन तनाव और विश्वासघात के कारण समस्याएं शुरू हुईं। जहर का इंजेक्शन लगाने की बात स्वीकार्य नहीं

शशि थरूर के बचाव पक्ष के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा कि अभियोजक नेता के खिलाफ सबूत स्थापित करने में सक्षम नहीं थे और जहर का इंजेक्शन लगाने की बात हवा में है और स्वीकार्य नहीं हो सकती है। शशि थरूर के वकील ने सुनंदा के बेटे द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत दर्ज बयान को भी पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था,एम्स के मुर्दाघर में, मैंने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर से मौत के मामले के बारे में पूछा, उसने ( डॉक्टर) ने जवाब दिया कि कोई फाउल प्ले या जहर नहीं है लेकिन वही डॉक्टर बाद में मीडिया के पास गया और कहा कि मौत जहर के कारण हुई है। शशि थरूर एक मक्खी को भी नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं।

Posted By: Shweta Mishra