देश की राजधानी दिल्‍ली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश मुताबिक डीजल टैक्‍सी पर बैन लग गया है। जिसके बाद से डीजल टैक्सी चालक ने इस आदेश के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जिसकी वजह से दिल्‍ली में कल पूरा दिन जाम की स्‍िथति रही। वहीं इन हालातों को देखते हुए सरकार ने आश्‍वासन दिया कि वह उच्चतम न्यायालय से डीजल टैक्सियों पर प्रतिबंध के आदेश पर पुनर्विचार का आग्रह करेगी।


रफ्तार घंटों तक धीमीदेश की राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश मुताबिक डीजल टैक्सी पर बैन लगने से टैक्सी चालक आक्रोशित हो उठे। वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने डीज़ल टैक्सियों पर रोक लगा दी है। जिससे इस आदेश की खिलाफत करने के लिए सभी एकजुट होकर सड़कों पर प्रदर्शन करने लगे। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में रजोकरी टोल बूथ के पास सैकड़ों टैक्सी चालकों ने प्रदर्शन किया। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर सोमवार सुबह कई किलोमीटर तक जाम लग गया। वहीं गुड़गांव की तरफ जाने वाले लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही दिल्ली के  धौलाकुआं, कापसहेड़ा और महरौली जैसे इलाकों में यातायात की रफ्तार कई घंटों तक धीमी रही। जिससे करीब रजोकरी फ्लाईओवर के नजदीक वाहनों की लंबी लाइन लग गई। कड़ी धूप में स्कूली बच्चे भी बेहाल रहे।


आग्रह करेगी सरकार

वहीं दिल्ली में हो रहे इन हालातों को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों को आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार वह एक बार फिर सु्प्रीम कोर्ट से इस दिशा में विचार करने का आग्रह करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने जहां दिल्ली के वातावरण को सुधारने की दिशा में यह कदम उठाया है वहीं, एक साथ बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्तमान दौर में देश की राजधानी दिल्ली में करीब 60 हजार टैक्सियां हैं, जिनमें से करीब 30 हजार टैक्सियां डीजल से चलती हैं। इनमें अधिकतर ओला और उबर ऐप वाली कंपनियों से जुड़ी हैं। वहीं टैक्सी चालकों का कहना है कि सरकार उनके साथ नाइंसाफी नहीं कर सकती हैं।

inextlive from Business News Desk

Posted By: Shweta Mishra