सुप्रीम कोर्ट ने रेप के मामलों में किसी भी प्रकार के समझौतों को बेमानी करार देते हुए इसे महिला का असम्‍मान बताया है। कोर्ट ने कहा है कि रेपिस्‍ट द्वारा पीड़‍िता से शादी किया जाना किसी भी तरह से स्‍वीकार्य नहीं हो सकता।


रेप पर कोई समझौता नहींदेश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने रेप मामलों में होने वाले सभी समझौतों को बेमानी करार दिया है। कोर्ट ने कहा है कि औरत का शरीर एक मंदिर के समान होता है। रेप के मामलों में समझौता संभव नहीं है। जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने यह फैसला मध्यप्रदेश की निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर मध्यप्रदेश सरकार की याचिका की सुनवाई करते हुए सुनाया। मध्यप्रदेश की निचली अदालत ने रेप आरोपी को बरी करने का आदेश दिया था जिसके विरोध में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। संवेदनहीनता की ओर इशारा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रेप आरोपी और रेप पीड़िता के बीच समझौते की बात करना संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है। जज ने कहा कि जो लोग ऐसी बात करते हैं वे महिलाओं के सम्मान के खिलाफ आवाज उठाते हैं। ऐसे समझौतों पर किसी भी प्रकार से नम्र रुख नहीं अपनाया जा सकता है। इसके साथ ही रेप आरोपी द्वारा रेप पीड़िता से शादी या आर्थिक जुर्माना भी किसी तरह से ठीक नहीं है।

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Posted By: Prabha Punj Mishra