लोकसभा चुनाव की आहट को देखते हुए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर से अयोध्या के विवादित ढांचे का मामला गरमाने की कोशिश की है. उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को विवादित ढांचे को गिराने की योजना के बारे में पूर्व जानकारी थी. शंकर दयाल शर्मा ने यह बात खुद उनसे मिलने पहुंचे मुलायम और उनके पार्टी के नेताओं के सामने कही थी.


तत्कालीन राष्ट्रपति के साथ हुई थी बैठकयहां सोमवार को एक कार्यक्रम में सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा और उसके समर्थकों ने जब विवादित ढांचे को गिराने का फैसला किया तो 4 दिसंबर 1992 को हालात पर चर्चा के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति के साथ बैठक हुई थी. मुलायम ने कहा, ‘हमने उन्हें एक पत्र देते हुए बताया कि विवादित ढांचे को गिरा दिया जाएगा. शंकर दयाल शर्मा ने पत्र पढ़ा और इधर-उधर देखने के बाद कहा कि उम्मीद है कि आप यह बात किसी को नहीं बताएंगे. उनकी बात नहीं सुनी किसी ने
इसके बाद उन्होंने कहा कि ढांचे को निश्चित तौर पर गिरा दिया जाएगा.’ मुलायम के मुताबिक उन्होंने इस पर सरकार से बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी. अंतत: 6 दिसंबर 1992 को ढांचे को गिरा दिया गया. सपा नेता ने यह भी कहा कि वह इस पर किताब लिखना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया.

Posted By: Satyendra Kumar Singh