19 साल बाद आया एजी ऑफिस के सीनियर एकाउंटेंट की शिकायत पर कोर्ट का फैसला

केन्द्रांचल कालोनी में तीन अप्रैल 1997 को सामने आई थी घटना, पत्‍‌नी व पड़ोसी भी थे आरोपी

दामाद के घर से सामान गायब हुआ और आरोप लगा उस पर जिसने अग्नि के सात फेरे लेकर सात जन्मो तक साथ निभाने का वादा किया था। उस पर जिसने कन्या दान किया था। उस पर जिसने दामाद कहने का हक दिया था। चौंकाने वाला मामला था। आरोप लगा, रिपोर्ट दर्ज हुई तो पुलिस ने सभी को गिरफ्तार करके जेल भी भेज दिया। चार्जशीट गई तो अदालत में सुनवाई भी होनी तय थी। इसमें 19 साल का वक्त निकल गया। शनिवार को कोर्ट ने आरोप सही पाया तो पत्‍‌नी, सास, ससुर के साथ पड़ोसी को तीन-तीन साल कैद के साथ जुर्माने की सजा सुनाई।

सात जन्मों के साथ नहीं तीन साल कैद

मामला धूमनगंज एरिया के केन्द्रांचल कालोनी से जुड़ा हुआ है। आरोप लगाने वाले देवव्रत साहा एजी ऑफिस में सीनियर एकाउंटेंट के पोस्ट पर तैनात थे। उन्होंने अपने घर से सामान गायब होने के मामले में पत्‍‌नी वंदना, सास मीरा, ससुर प्रफुल्ल नाथ, साले प्रशांत के साथ पड़ोसी रवि सक्सेना को आरोपी बनाया था। ये सभी दरभंगा कालोनी थाना जार्ज टाउन के रहने वाले थे। साहा द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार मामला तीन अप्रैल 1997 को हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस दिन ये लोग उनके घर पहुंचे और ताला तोड़कर घर में सारा सामान निकाल लिया। इसके बाद वे लोग चले गए। वह घर पहुंचे तो पूरा सामान अस्त व्यस्त मिला। साहा के अनुसार के इसके बाद ससुराल पक्ष के लोगों ने उनके खिलाफ जार्जटाउन पुलिस को तहरीर दे दी। इस पर पुलिस उन्हें उसी रात थाने उठा ले आई और मारापीटा भी। बाद में पुलिस ने उन्हें शांति भंग के अंदेशे में चालान कर दिया।

जमानत पर रिहा होने के बाद उन्होंने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने की तहरीर दी तो पुलिस ने इसे पारिवारिक विवाद बताकर मामला टालने की कोशिश की। लेकिन, बात बनी नहीं। पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करनी ही पड़ी और उसने चार्जशीट भी दाखिल कर दी। शनिवार को अपर जिला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ अनिल कुमार सिंह ने साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों को घटना का दोषी पाया और उन्हें तीन-तीन साल की कैद व चार-चार हजार रुपए जुर्माना से दंडित करने का आदेश दिया।

Posted By: Inextlive