मोबाइल की सेट‍िंग से छेड़छाड़ करने वाले लोगों के लि‍ए एक बड़ी खबर है। अक्‍सर नए-नए फीचर को ट्राई करने के चक्‍कर में की जाने वाली सेट‍िंग्‍स छेड़छाड़ से अब मोबाइल यूजर्स मुसीबत में आ सकते हैं। ऐसे में अनजाने में भी उन्‍हें एक सेट‍िंग्‍स को ब‍िल्‍कुल नहीं छूना है वरना उन्‍हें जेल भी हो सकती है। आइए जानें क्‍या है वो सेट‍िंग्‍स...


यही मोबाइल का मुख्य आधार जी हां नए-नए फीचर को चेक करने के लिए मोबाइल की सेटिंग्स में छेड़छाड़ करना एक सामान्य प्रक्रिया है। इससे वे यूजर्स अपने मोबाइल के फीचर को चेक करते हैं कि कौन सा फीचर कैसे काम कर रहा है। हालांकि इस दौरान मोबाइल यूजर्स आईएमईआई नंबर नहीं छूना चाहिए। आईएमईआई यानी इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी नंबर हर मोबाइल में होता है। एक तरह से यही मोबाइल का मुख्य आधार होता है। आईएमईआई की मदद से चोरी हुआ या फिर खोया हुआ मोबाइल दुनिया के किसी भी कोने से आसानी से खोजा जा सकता है। रोकने का प्रयास किया जाएगा
ऐसे में अब इन्हें रोकने का प्रयास किया जाएगा। वहीं टेलीकॉम मंत्रालय इससे पहले मोबाइल कंपनियों को आदेश दे चुका है कि वे भी बिना आईएमईआई नंबर के मोबाइल न बनाएं। ऐसे में अब जो लोग मोबाइल में दिए आईएमईआई नंबर को बदलेंगे वो मुसीबत में आ सकते हैं। यहां तक की उन्हें तीन साल की जेल भी हो सकती है। बतादें कि देश की सुरक्षा एजेंसियां भी किसी भी नंबर की कॉल आदि को ट्रैक करने के लिए इस आईएमईआई नंबर की मदद लेती हैं। इससे वे किसी भी नंबर को आसानी से ट्रैक कर लेती हैं।

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Posted By: Shweta Mishra