आज के दौर में एफ एम अर्थात् फ्रीक्वेंसी माड्यूलेशन बेहद पॉपुलर है। जिससे लोग साधारण मोबाइल से लेकर स्‍मार्टफोन पर किसी भी समय एफ एम सुन सकते हैं लेकिन कई बार लोगों इसके हेडफोन से उलझन होने लगती है। उन्‍हें लगता है कि इतने हाईटेक टेक्‍नोलॉजी के दौर में इसका हल नहीं निकल पाया। बिना हेडफोन के इसे नहीं सुना जा सकता है। ऐसे में अगर आप भी ऐसे लोगों में हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि एफ एम रेडियो के लिए हेडफोन क्‍यों हैं जरूरी...


पुरानी टेक्नोलॉजी का अहसासएफएम रेडियो प्रसारण से आज शायद ही कोई अपरिचित हो। आज 21वीं सदी में एफ एम रेडियो की लोकप्रियता दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। इसके पीछे वजह ये भी है कि यह इलेक्ट्रानिक मीडिया का सरल, सुलभ और सस्ता साधन माना जाता है। युवा वर्ग के बीच तो यह एक एनर्जेटिक संसाधन माना जाता है। रेडियो के शुरुआती दौर से लेकर अब तक इसके तकनीक एवं स्वरूप काफी बदलाव हुए हैं। एफएम तकनीक से पहले देश भर के रेडियो स्टेशनों से केवल मोनो ध्वनि से सब कुछ सुना जाता है, लेकिन एफएम ने क्रांति कर दी। इसने यहां पर बड़े बदलाव कर दिए हैं, लेकिन इस सबके बावजूद इसका हेडफोन वाला सिस्टम पुरानी टेक्नोलॉजी का अहसास कराता है।हेडफोन एंटेना का काम करते
यह विद्युतचुम्बकीय तरंगों को प्रसारित और ग्रहण कर विद्युतचुम्बकीय संकेतों को विद्युत संकेतों में बदलता है लेकिन आज के दौर में एंटेना काफी कम हो गए हैं। आज के दौर में स्मार्टफोन आदि में भी एंटेना नहीं लग रहे हैं। जिससे लोगों को कमरे और ऑफिस में इसके इस्तेमाल में परेशानी होती है। एफ एम की आवाज में सफाई नहीं होती है। ऐसे में इसको क्िलर सुनने के लिए हेडफोन का इस्तेमाल होता है। ये हेडफोन प्रॉपर एंटेना का काम करते हैं। यह जिन धातुओं से एंटीना बने होते हैं उन्हीं चीजों से बनता है। इससे स्मार्टफोन आदि में ध्वनि अच्छे से कैच करती है। ऐसे में अब अगर अगली बार आपको हेडफोन से इरीटेशन हो तो बस ये सोच लेना कि इसके बिन एफएम का मजा नही आएगा।

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Posted By: Shweta Mishra