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-सरकारी 46 टूटे हुए भवन हटाए गए, बाकी 217 का हटाने का काम जल्दी

-मुआवजे का विवाद खत्म, केदारसभा ने भी दी अपनी सहमति

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DEHRADUN : क्म् मई ख्0क्फ् में केदारनाथ में आई आपदा के बाद यहां मौजूद क्षतिग्रस्त करीब ख्म्फ् भवनों पर अब तक डोजर नहीं चल पाए थे। जबकि इनको डिमोलिश करने के लिए एमआई-ख्म् से बड़ी भारी मशीनें केदारनाथ पहुंच चुकी थी। इसकी वजह शासन-प्रशासन, तीर्थ पुरोहित समाज व व्यापारियों के बीच मुआवजे को लेकर आम सहमति न बनना था, लेकिन अब सभी के बीच सहमति बन चुकी है। यही कारण है कि पिछले दिनों में सरकारी विभागों के ब्म् भवनों पर निम ने डोजर चलाकर उन खंडहरों को तहस-नहस कर दिया है। बाकी ख्क्7 पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।

तीन बार दिया जाएगा मुआवजा

ख्0क्फ् में केदारनाथ में आए आपदा के इतना वक्त बीत जाने के बाद भी अब तक केदारनाथ में क्षतिग्रस्त बड़े-छोटे भवन बस यूं ही खड़े आपदा की याद दिला रहे थे। तीर्थ पुरोहित व व्यापारियों के जीर्ण-क्षीर्ण भवनों के मुआवजे पर बात नहीं बन पा रही थी। अब जिला प्रशासन का कहना है कि केदारनाथ में जो खंडहर भवन हैं, पीडि़तों को उनको हटाने के स्थान पर तीन-तीन बार मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि एकाध तीर्थ पुरोहित इस पर असहमति जता रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन का दावा है कि वे भी मान जाएंगे।

केदारसभा ने दी सहमति

डीएम रुद्रप्रयाग डा। राघव लांगर के मुताबिक सरकारी डिपार्टमेंट के आपदा में हुए ब्म् खस्ताहाल बिल्डिंग को डिमोलिश कराया जा चुका है। अब बाकी ख्क्7 तीर्थ पुरोहित के टूटे हुई बिल्डिंग पर भी जेसीबी चला दी जाएगी। बदले में पीडि़तों को जमीन का मुआवजा, बिल्डिंग का मुआवजा और नए एरिया में निर्माण कर भवन या फिर दुकान दी जाएगी। जिस पर केदारसभा ने भी हामी भर दी है। खुद केदारसभा के शंकर प्रसाद बगवाड़ी ने स्वीकार किया है कि सहमति बन चुकी है।

आपदा के कारण केदारनाथ में टूटी ख्म्फ् बिल्डिंग चिन्हित हुई हैं, जिनको हटाने की सहमति बन चुकी है। यात्रा से पहले केदारनाथ नए लुक में नजर आएगा।

-डा। राघव लांगर, डीएम, रुद्रप्रयाग।

Posted By: Inextlive