आंध्र प्रदेश के सैन्‍य इलाके में घरों में काम करने वाली एक महिला ने बस अपने बच्‍चों को पढ़ा लिखा कर योग्‍य बनाने का सपना देखा था। उसने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन उसकी बेटी अधिकारी बनकर नौसेना के विश्‍व भ्रमण अभियान का हिस्‍सा बनेगी।

घरों में काम करने वाली की बेटी बनी नौसेना अधिकारी
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में नेवल पार्क इलाके के घरों में काम करके सुश्री रानी और उसके डिफेंस सिविलियन खानसामा पति अपने तीन बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते थे। उनका सपना था कि उनके बच्चे पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी करें और सम्मानजनक जीवन व्यतीत करें। उनकी सबसे छोटी बेटी स्वाति पाथरपल्ली अब नौसेना में लेफ्टिनेंट बन चुकी है। छह साल पहले नौसेना में शामिल हुई स्वाति अब सेना के जहाज पर विश्व भ्रमण पर जाने वाली है।
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आईएनएस तारिणी पर जायेंगी स्वाति
इन दिनों स्वाति टफ ट्रेनिंग कर रही हैं, क्योंकि उन्हें नौसेना के जहाज आईएनएस तारिणी पर एक विशेष महिला अभियान दल के साथ विश्व भ्रमण के लिए जाने वालें सदस्यों में शामिल किया गया है। स्वाति केवल 20 साल की उम्र में ही नौसेना अधिकारी बन गयी थीं। वैसे इससे पहले भी यही महिला दल आईएनएस महदेयी नौका में 10000 समुद्री मील लंबी अनेक कठिन यात्राओं पर जा चुका है।
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जिस स्कूल में पढ़ी वहीं बुलाई गईं सम्मानित अतिथि के रूप में
उन्होंने अपनी बहनों लावण्या और सुवर्णा के साथ स्थानीय हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के बालवाडी केन्द्र में प्रारंभिक शिक्षा ली थी। खास बात ये है कि सालों बाद इसी स्कूल में उन्हें सेना के बहादुर और योग्य अधिकारी के तौर पर बच्चों को प्रेणना देने के लिए आमंत्रित किया गया था।
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Posted By: Molly Seth