-बाइक सवार बदमाशों ने तीन लोगों को मारी गोली

-बाप-बेटे की स्पॉट पर मौत, एक अन्य बेटे की हालत गंभीर

-स्पाट पर मिले 32 बोर के चार खोखे, कातिलों का सुराग नहीं

ALLAHABAD: बाइक सवार बदमाशों ने गुरुवार को नैनी में खूनी खेल खेला। बिजनेसमैन हरिश्चन्द्र और उनके बेटों को गोलियों से भून डाला। गोलियों की बौछार करने के बाद बदमाश भाग निकले। घटना में हरिश्चन्द्र और उसके बेटे महेन्द्र की स्पॉट पर मौत हो गई जबकि छोटा बेटा आशीष गंभीर रूप से जख्मी हो गया। सरेआम कत्लेआम की खबर से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। डीआईजी और एसएसपी मौके पर पहुंच गए। हत्यारों की तलाश में क्राइम ब्रांच की टीम ने मेहरा परिवार पर शक जताते हुए दबिश दी। घरवालों ने तीन लोगों पर शक जताया है।

सुबह हुआ था विवाद

हरिश्चन्द्र कुशवाहा नैनी के दक्षिणी लोकपुर कोहरान बस्ती में परिवार के साथ रहते थे। उनके दोनों भाई की फैमिली अलग रहती है। हरिश्चन्द्र सब्जी का बिजनेस करते थे। फैमिली में वाइफ गायत्री, तीन बेटे महेन्द्र, आशीष और मनोज हैं महेन्द्र की शादी हो चुकी थी। उसकी वाइफ रेखा करछना में स्थित एक स्कूल में सरकारी टीचर है। महेन्द्र का एक बेटा प्रियांशु है। गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे घर के बाहर मुनगा (सब्जी के पेड़ से फल तोड़ने) को लेकर कुछ बाहरी लोगों से विवाद हुआ। झड़प और कहासुनी हुई थी। इसके बाद मामला शांत हो गया।

बाइक से पहुंचे थे हमलावर

हरिश्चन्द्र की फैमिली मेम्बर्स की मानें तो सुबह आठ बजे झड़प के बाद मामला खत्म हो गया था। उन्हें जरा अंदेशा नहीं था मामला खत्म नहीं हुआ है। करीब सवा दस बजे अचानक दो बाइक से कुछ लोग पहुंचे। उस वक्त हरिश्चन्द्र अपने दोनों बेटों महेन्द्र और आशीष के साथ खेत में ही थे। बाइक सवारों ने पहुंचते ही खूनी खेल शुरू कर दिया। पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी। जान बचाने के लिए बाप-बेटे भागे लेकिन बदमाशों ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया। पीछा किया और गोलियों की बौछार कर दी। इससे हरिश्चन्द्र और महेन्द्र की आन द स्पॉट मौत हो गई। गोली खाकर आशीष वहीं गिर पड़ा।

मौत से लड़ रहा हॉस्पिटल में

घटना को सरेआम अंजाम देकर बदमाश भाग निकले। हमला करने के लिए बदमाशों ने बाइक रोड पर छोड़कर पहुंचे थे। उन्हें वहां रोकने वाला कोई नहीं था। गोलियों की तड़तड़ाहट और बाप-बेटे की चीख सुनकर स्थानीय लोग वहां पहुंचे। स्पॉट पर खून से लथपथ तीनों को देखकर मोहल्ले में हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना दी गई। उससे पहले स्थानीय लोग ट्राली पर लादकर इन्हें हॉस्पिटल भागे। आशीष को एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचाया। उसकी हालत गंभीर थी। डॉक्टर इलाज में जुट गए।

फोरेंसिक एक्सपट्स भी बुलाए गए

सनसनीखेज घटना की जानकारी मिलते ही नैनी पुलिस के अलावा एसपी यमुनापार नीरज पाण्डेय, एसएसपी दीपक कुमार और डीआईजी भगवान स्वरूप भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने जांच के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट प्रेम भारतीय को बुला लिया। पुलिस को स्पॉट पर चार फ्ख् बोर के खोखे मिले। कुछ चप्पल भी मिले। माना जा रहा था कि ये चप्पल हत्यारों के होंगे, जो खेत से भागने के दौरान छूट गए होंगे। डॉग स्क्वॉड चप्पल का पीछा करती हुई स्पॉट से देवरहा तक पहुंची। जिसके बाद पुलिस उस एरिया में रहने वाले बदमाशों की घेराबंदी शुरू कर दी।

क्राइम ब्रांच की टीम ने दी दबिश

एसएसपी मौके पर पहुंचे तो उनके साथ क्राइम ब्रांच की टीम भी थी। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि मेहरा परिवार के लोग इस घटना में शामिल हो सकते हैं तो पुलिस टीम ने शूटरों की तलाश में मेहरा परिवार में दबिश दी। हालांकि कोई वहां पकड़ा नहीं गया। पुलिस आफिसर ने कई टीमें बनाकर जांच में लगा दिया। लोकल स्तर पर भी पुलिस पता लगाने में जुटी रही कि इस वारदात को अंजाम देने वाला कौन है।

तीन हुए नामजद

स्वरूपरानी हॉस्पिटल में मौत से जूझ रहे आशीष को देखने वालों की लाइन लगी रही। घरवालों से लेकर रिश्तेदार तक उसे पहुंचे। लेकिन, पुलिस को कोई यह बताने वाला नहीं था कि मर्डर में किसने किया या कराया है? किसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाय? सभी चुप थे। नैनी और कोतवाली पुलिस दोपहर से ही तहरीर लेने के लिए परेशान रही। शाम को साढ़े तीन बजे घरवालों ने आपस में मश्विरा करके तहरीर लिखी। इसमें हरिश्चन्द्र के भाई ने डब्बू पाण्डेय, शकील और नाजिम को नामजद किया गया है। इसके बाद पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू की।

हर चेहरे पर खौफ का सन्नाटा

बदमाशों का खौफ क्या होता है, यह गुरुवार को दिखा। दो लोग अकाल मौत मारे गए। तीसरा मौत से जूझ रहा है। इसके बाद भी परिवार का कोई व्यक्ति इतना साहस नहीं कर पा रहा था कि वह हत्यारों के बारे में पुलिस को बताए। रिपोर्ट दर्ज कराने की बात छोडि़ए पुलिस और मीडिया को बताने में भी लोग डर रहे थे। भू माफिया के खौफ का आलम यह था कि सभी के चेहरे पर सन्नाटा था। मन में गुस्सा था लेकिन, जबान पर ताला लगा रहा। हरिश्चन्द्र की बहन के पहुंचने के बाद माहौल थोड़ा बदला। बहन मुन्नी देवी ने मीडिया को बताया कि एक साल पहले की बात है। दबंगों ने उसके भाई का खेत कब्जा कर लिया। मामला पुलिस तक पहुंचा लेकिन, कोई मदद नहीं मिली। इस बार भी बदमाश भाई का प्रापर्टी हड़पना चाहते थे। जिसका विरोध करने की हिम्मत किसी में नहीं थी। घरवालों ने विरोध किया तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया।

प्रापर्टी के लिए यहां बहता है खून

नैनी में प्रापर्टी का काम करने वाले मौत का खेल खेलते हैं। जो प्रापर्टी उन्हें चाहिए होती है वह जबरदस्ती खरीदना चाहते हैं। इसके लिए वह अपने हिसाब से दाम भी लगाते हैं। ज्यादातर गरीब किसान इस झांसे में फंस जाते हैं। उन्होंने दबंगों की नहीं सुनी तो उन्हें बेमौत मार कर दिया जाता है। हरिश्चन्द्र की फैमिली की तरह ही दो साल पहले नैनी में फूलों के कारोबारी कुशवाहा परिवार के बाप-बेटों को बदमाशों ने मौत का घाट उतार दिया था। खून से लथपथ दोनों की बॉडी पुलिस को आधी रात को रोड पर मिली थी। नैनी वालों की माने तो हत्या का आरोपी पकड़ा गया। जेल गया और फिर जमानत पर छूट कर फिर से प्रापर्टी के धंधे में जुट गया है। अब उसका विरोध करने वाला भी कोई नहीं है।

Posted By: Inextlive