-आरपीएफ ने छापा मार टिकट बेचने के आरोप में तीन को पकड़ा, 10,000 पर्सनल यूजर आईडी हो रही हैं ट्रैस

-एएनएस सॉफ्टवेयर से रेलवे का सिस्टम हैक कर पर्सनल आईडी से निकाला जा रहा है टिकट

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PRAYAGRAJ: फेस्टिवल का सीजन बोले तो रश सीजन। मार्केट से लेकर ट्रैवल तक में मारामारी मची है। हर किसी को कन्फर्म टिकट चाहिए। इसका फायदा उठा रहे हैं ब्लैक टिकटिंग का गेम करने वाले। बड़े पैमाने पर टिकट्स की डिमांड देखते हुए तत्काल टिकट की टाइमिंग के दौरान जमकर ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है। ताज्जुब की बात तो यह है कि इसमें प्रोफेशनल्स ही नहीं, बल्कि टेकसेवी और स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। मंगलवार को निरीक्षक बुधपाल सिंह के सुपरविजन में उपनिरीक्षक अमित कुमार द्विवेदी ने छापेमारी की। इसी दौरान इस गेम का खुलासा हुआ।

जार्ज टाउन थाना क्षेत्र के अल्लापुर पुलिस चौकीके पास स्थित आईटी जोन जनसेवा केंद्र पर आरपीएफ की टीम ने सिविल पुलिस के साथ छापा मारा। इस दौरान पर्सनल आईडी पर टिकट बनाते हुए दुकान मालिक अब्दुल सईद निवासी स्टेनली रोड, अराफात मुहम्मदी निवासी म्योर रोड राजापुर थाना कैंट को टिकट बनाते पकड़ा गया।

बरामदगी

17 ई-टिकट फ्यूचर जर्नी के बरामद हुए। इनका मूल्य 23,498 रुपए था।

41 प्रिन्टेड टिकट पास्ट जर्नी के मिले, जिनका मूल्य 52,135 रुपए था।

05 यूजर आईडी मिली आईआरसीटीसी की, इनसे इस साल अभी तक 323 ई-टिकट बने थे। मूल्य 4,42,510 रुपए है।

दारागंज थाना क्षेत्र के कच्ची सड़क पर स्थित जीपी सॉल्यूशन प्वॉइंट पर आरपीएफ ने छापा मारा। यहां पर्सनल आईडी पर ई-टिकट बनाते हुए राधा नगर कॉलोनी कच्ची सड़क निवासी घनश्याम कृष्ण द्विवेदी को पकड़ा। वह प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म भरने की आड़ में चोरी-छिपे बड़े पैमाने पर लाभ कमाने की नीयत से पर्सनल यूजर आईडी पर टिकट बनाता था।

बरामदगी

09 ई-टिकट बरामद किए गए, जो पर्सनल आईडी से बनाए गए थे।

11,391 मूल्य बताया गया था इन बरामद नौ ई-टिकटों का।

195 कुल ई-टिकट बनाए गए थे। जिनका मूल्य 2,59,830 रुपए बताया गया।

10 हजार पर्सनल यूजर आईडी पर नजर

-सिटी में एक्टिव आईआरसीटीसी के 10,000 पर्सनल यूजर आईडी पर आरपीएफ नजर रख रही है।

-इनकी सर्विलांस के जरिए बाकायदा ट्रैकिंग भी की जा रही है।

-अगर इन पर्सनल यूजर आईडी का ब्लैक टिकट बनाने में यूज हो रही है तो पकड़ा जाना तय है।

-छह महीने के अंदर प्रयागराज में दस लोगों को पर्सनल यूजर आईडी से टिकट बनाते हुए पकड़ा जा चुका है।

उठाते हैं फायदा

-आईआरसीटीसी की वेबसाइट से एजेंट आईडी और पर्सनल आईडी दो तरीके से ई-टिकट लिया जा सकता है। -लेकिन तत्काल टिकट की टाइमिंग के दौरान केवल पर्सनल यूजर आईडी से ही टिकट बनाया जा सकता है।

-रेलवे के अधिकृत एजेंट रोजाना सुबह 10 से 10.30 और 11 से 11.30 बजे तक ई-टिकट नहीं बना सकते हैं।

-इसी बैरिकेडिंग को तोड़ने के लिए रेलवे के एजेंट और टेक सेवी पर्सनल यूजर आईडी का यूज कर ब्लैक टिकट बनाते हैं।

एएनएस सॉफ्टवेयर से कर लेते हैं हैक

तत्काल टिकट की टाइमिंग के दौरान कॉमनमैन को टिकट न मिल पाना आम बात है। वजह, इस दौरान ब्लैक टिकटिंग वाले प्रतिबंधित एएनएस सॉफ्टवेयर का यूज कर रहे हैं। इसके जरिए रेलवे के सिस्टम को हैक कर अपने सिस्टम की स्पीड बढ़ा लेते हैं और कुछ सेकेंड में ही तत्काल टिकट झटक लेते हैं।

एक घंटे में कमा लेते हैं हजारों

फेस्टिवल सीजन में लंबी रूट की ट्रेनों को टिकट नहीं मिल पाता है। मजबूरी में लोग अधिक पैसा देकर भी कन्फर्म टिकट पाना चाहते हैं। इसका फायदा उठाते हुए लोग 900 का टिकट 1800-2000 में और 1500 का टिकट 4,000 में बेचते हैं।

शहर में हर तरफ चल रहा खेल

संगम नगरी प्रयागराज में आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर 10 हजार से अधिक पर्सनल यूजर आईडी एक्टिव हैं। इनके जरिये तत्काल टिकट बनाया जा रहा है। मीरापुर, मम्फोर्डगंज, बैरहना, सिविल लाइंस के साथ ही शहर के हर एरिया में पसर्नल यूजर आईडी पर टिकट बनाकर ब्लैक मार्केटिंग का खेल चल रहा है।

Posted By: Inextlive