चुनावी माहौल ने पतली कर दी दाल
-शहर की मंडियों में दाल की कीमतों में आया उछाल,
पंद्रह दिनों में बढ़ा इतना रेट की थाली से दूर होने लगी दाल चुनावी माहौल ने किचन में दाल पतली कर दी है. पिछले कुछ दिनों में दाल के भाव में जबरदस्त तेजी आयी है. महंगाई का असर इतना है कि कहीं-कहीं दाल की बिक्री तक प्रभावित हो गई है. दाल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी परेशान है. उसे समझ नहीं आ रहा है कि अपने किचन के बजट कैसे संभाले. वहीं दाल के बढ़ते भाव से व्यापारी भी खुश नहीं हैं. नहीं आ रही दालसात चरणों में हो रहे चुनाव के पांच चरण में देश के अलग-अलग हिस्सों में मतदान हुए. इसके चलते कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र अकोला, नागपुर से बनारस की मंडियों में आने वाली दाल डिमांड के मुताबिक नहीं पहुंच पा रही है. इसका फायदा उठाते हुए जमाखोरों ने स्टाक जमा करके बाजार में दालों की आवक रोक दी. जिसके चलते दाल के भाव तेजी से इजाफा हुआ और यह अब भी जारी है. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 15 दिनों पहले जो अरहर की दाल 7200 रुपये प्रति क्विंटल मिलती थी अब उसे 8500-8600 रुपये प्रति क्विंटल के रेट से व्यापारी खरीद रहे हैं. इसी तरह की बढोत्तरी चना, चना दाल, मटर दाल, उड़द, धुई, मूंग दाल की भी है. एमपी से दाल आदि लेकर रोजाना बनारस की मंडियों में आने वाली गाडि़यों की संख्या में कमी आई है. पहले जहां 45 से 50 गाडि़यां सिर्फ दलहन की विशेश्वरगंज मंडी में आती थी, अब 5 से 6 पर आकर सिमट गई हैं. पूर्वाचल की सबसे बड़ी गल्ला मंडी विशेश्वरगंज में कारोबारी परेशान हैं.
बढ़ गया भाड़ा कैंट फ्लाईओवर हादसे के बाद से बनारस में कई रूट पर बड़े वाहनों के आवागमन पर लगे प्रतिबंध से बनारस के व्यापार पर असर पड़ा है. सीधे रास्ते आने के बजाय अब ट्रक 25 से 30 किमी घूमकर शहर में इंट्री कर रही है. इसके चलते मालवाहक वाहनों का भाड़ा पांच सौ से हजार तक बढ़ा है. इनकी वजह से भी बाहर से आने वाले सामानों के रेट प्रभावित हुआ है. ट्रांसपोटर्स माल मंगाने में कतरा रहे हैं. 15 दिन पहले अब का रेट अरहर दाल- 7500 8500 चना दाल- 5600 6000 खड़ा चना- 4800 5200मटर दाल- 5200 5800
मूंगदाल- 7200 8500 उड़द धोई- 5800 7200 उड़द दाल- 4800 6200 (नोट- सभी रेट प्रति क्विंटल में) एक नजर 45-50 ट्रक रोजाना की आवक थी दलहन की बनारस की मंडियों में चुनाव के पहले 05-06 ट्रक रोजाना आवक हो रही इन दिनों 15 दिनों में तेजी से बढ़ा दालों का रेट पंद्रह दिनों पहले प्रति क्विंटल में उतना उछाल नहीं था जितना कि अब देखने को मिल रहा है. चुनावी माहौल के चलते माल की आवक ठप सी हो गई है. रेट बढ़ने से व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है. प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष विशेश्वरगंज-भैरोनाथ व्यापार मंडल दलहन का रेट बढ़ा है. कम होने की बजाय और भी रेट में उछाल देखने को मिल रहा है. दाल लेकर आने वाली गाडि़यों की संख्या कम पहले से काफी कम हुई है. अलखनाथ गोस्वामी, महामंत्री विशेश्वरगंज-भैरोनाथ व्यापार मंडल ट्रांसपोर्ट बिजनेस बदहाल होता जा रहा है. डायवर्जन समेत अन्य कारण इसके लिए जिम्मेदार हैं. इसका सीधा असर बनारस के व्यापार पर पड़ रहा है. जेपी तिवारी, अध्यक्ष वाराणसी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनदाल सेहत के लिए बेहद जरूरी है. हर किसी को इसे अपने खाने में शामिल करना चाहिए. दाल से मिलने वाला प्रोटीन शरीर को सेहतमंद बनाता है. दाल पहले से ही इतनी महंगी है कि हर कोई इसे रोजाना खा नहीं सकता है. ऐसे में रेट बढ़ने से और भी लोगों की थाली से दूर हो जाएगी.
गोल्डी अरोड़ा, डायटिशियन