- 20 परसेंट तक दे सकता है यूपीसीएल बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव

- 30 नवंबर से पहले हर हाल में आयोग को भेजा जाना है प्रस्ताव

- 26 नवंबर को यूपीसीएल की होगी बोर्ड बैठक

DEHRADUN: नए साल में बिजली उपभोक्ताओं को बिजली का झटका झेलना पड़ सकता है। यूपीसीएल ने बिजली की दरों में इजाफा करने का फैसला लिया है। इसी महीने के आखिर तक यूपीसीएल द्वारा उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को वर्ष ख्0क्7-क्8 के लिए बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो इस बार ख्0 से ख्ख् परसेंट तक बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी की सिफारिश आयोग को भेजी जा सकती है। आयोग दिसंबर से मार्च तक ऊर्जा निगम के प्रस्ताव की गणना और इस संबंध में प्रदेश में जगह-जगह जनसुनवाई करेगा। इसके बाद नियामक आयोग द्वारा मार्च के अंत तक बिजली की नई दरें लागू कर दी जाएंगी।

दो सालों में दिया था बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव

यूपीसीएल के डायरेक्टर एचआर और प्रवक्ता पीसी ध्यानी ने बताया कि एनुअल रेवेन्यू रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। आगामी ख्म् नवंबर तक बोर्ड की बैठक की जाएगी, जिसके बाद फ्0 नवंबर से पहले-पहले नए प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजे जाएंगे। ध्यानी ने बताया कि इस बात का परीक्षण कराया जा रहा है कि राजस्व में कितनी कमी आई है और कितना मुनाफा किस सैक्टर से यूपीसीएल को मिला है। बताते चलें कि पिछले दो सालों में यूपीसीएल ने बिजली दरों में भारी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, आयोग ने प्रस्ताव को न मानते हुए मामूली वृद्धि की है।

कब कितनी बढ़ी दरें

वर्ष, प्रस्ताव, स्वीकृत (परसेंट)

ख्0क्भ्-क्म्, ख्म्.ख्ब्, 7.क्फ्

ख्0क्म्-क्7, ख्ब्.9म्, ब्.99

बिजली की वर्तमान औसत दरें

डोमेस्टिक -फ्.भ्म् (रुपए प्रति यूनिट)

नॉन डोमेस्टिक -भ्.ब्ब् (रुपए प्रति यूनिट)

एलटी इंडस्ट्रियल-भ्.क्भ् (रुपए प्रति यूनिट)

एचटी इंडस्ट्रियल -भ्.क्7 (रुपए प्रति यूनिट)

फ्यूल चार्ज से राहत

पिछले एक साल से उपभोक्ताओं को फ्यूल चार्ज से राहत है। ऊर्जा निगम नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) समेत तमाम कंपनियों से कोयले से बनी बिजली खरीदता है। कोयले के दाम में उतार-चढ़ाव आने से बिजली के दाम भी प्रभावित होते हैं, जिसकी पूर्ति के लिए ऊर्जा निगम उपभोक्ताओं पर फ्यूल चार्ज लगाता है। इसकी गणना हर तीन माह में होती है। पिछले साल नवंबर के बाद से फ्यूल चार्ज लगाने की नौबत नहीं आई है।

फ्0 तक प्रस्ताव देना अनिवार्य

विद्युत नियामक आयोग के डायरेक्टर टेक्निकल प्रभात डिमरी ने बताया कि यूपीसीएल द्वारा अनिवार्य रूप से फ्0 नवंबर तक प्रस्ताव भेजा जाना अनिवार्य है। इस प्रस्ताव के मिलने के बाद आयोग अपने स्तर पर जन सुनवाई करते हुए जनता की आपत्ति भी दर्ज करता है। इस पूरी प्रक्रिया में ये ख्याल रखा जाता है कि जनता की जेब पर भी डाका न पड़े और यूपीसीएल को भी नुकसान न हो।

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अगले फ् दिनों में बोर्ड बैठक कर दी जाएगी। इसके बाद प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा जाएगा। तय समय से पहले प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।

पीसी ध्यानी, डायरेक्टर एचआर एवं प्रवक्ता यूपीसीएल।

Posted By: Inextlive