ईवीएम पर लगे आरोपों से चुनाव आयोग गंभीर
नहीं की जा सकती छेड़छाड़
सूत्रों के अनुसार, बैठक में सभी दलों को आश्वस्त किया जाएगा कि ईवीअम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद कई विपक्षी दलों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ईवीएम पर कई सवाल उठाये थे और राज्य निर्वाचन आयोग से दिल्ली निकाय चुनाव बैलेट पेपर के जरिए कराने का आग्रह किया था। जिसके बाद कई राजनेताओं ने उनकी काफी आलोचना की थी और उन्हें ईवीएम के बजाय जनता और अपने काम पर ध्यान देने का आग्रह किया था। सूत्रों के अनुसार, निर्वाचन आयोग ईवीएम से जुड़े संदेहों को दूर करने के लिए आरोप लगाने वालों को ईवीएम हैक करने की खुली चुनौती देने पर भी विचार कर रहा है। 12 मई को पता चलेगा ईवीएम हैक हो सकती है या नहीं
बुलाई सर्वदलीय बैठक
चुनाव आयोग ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठे सवालों के मुद्दे को लेकर सभी राजनीतिक दलों के साथ 12 मई को बैठक करेगा। देश के 16 विपक्षी दलों ने इस संबंध में सवाल खड़े किए हैं। ईवीएम को लेकर सवाल उठाने वाले राजनीतिक दलों को अपनी बात साबित करने के लिए मई के आखिरी हफ्ते में मौका मिल सकता है। क्योंकि चुनाव आयोग ने तभी ईवीएम हैकाथॉन आयोजित करने का निर्णय किया है। इस सिलसिले में आयोग 12 मई को सर्वदलीय बैठक बुलाएगा, जिसमें राजनीतिक पार्टियों से हैकाथॉन के लिए लोगों को नामित करने को कहा जाएगा। साथ ही चुनौती के नियम भी बताए जाएंगे।
पूरी तरह सुरक्षित है ईवीएम
आयोग का कहना है कि इस बैठक में वह सभी दलों को यह समझाने की कोशिश करेगा कि ईवीएम पूरी तरह विश्वसनीय है और इसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने 29 अप्रैल को चंडीगढ़ में मीडिया से कहा था, हम जल्द ही सभी दलों के साथ एक बैठक करेंगे, जिसमें दलों को बताया जाएगा कि हमारी प्रशासनिक और तकनीकी सुरक्षा प्रणाली के चलते ईवीएम छेड़छाड़ रोधी और सुरक्षित है। इस बैठक के लिए सात नेशनल पार्टी और 49 छोटी पार्टी शामिल हुईं।