भारत में झूठी खबरों को फेसबुक से बाहर का रास्‍ता दिखाने के लिए सोशल मीडिया दिग्‍गज ने थर्ड पार्टी फैक्‍ट चेकिंग प्रोग्राम शुरू किया है। फेक न्‍यूज को फेसबुक पर शेयर होने से रोकने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत कर्नाटक से होगी जहां अगले महीने 12 मई से विधानसभा चुनाव होने हैं। फेसबुक ने कहा है कि कंपनी ने बूम से साझेदारी की है। बूम एक डिजिटल जर्नलिज्‍म उपक्रम है जो इंटरनेशनल फैक्‍ट चेकिंग नेटवर्क के जरिए सूचनाओं की सत्‍यता प्रमाणित करती है।


बूम प्रमाणित करेगी तथ्यों की सत्यतानई दिल्ली (प्रेट्र)। एक ब्लॉगपोस्ट में अमेरिकी सोशल नेटवर्किंग फेसबुक ने कहा कि भारत में इस प्रोग्राम की शुरुआत का मकसद फर्जी सूचनाओं को कंपनी के प्लेटफार्म पर फैलने से रोकना है। इसमें कहा गया है कि बूम फेसबुक पर पोस्ट की गई अंग्रेजी भाषा की सूचनाओं की समीक्षा करेगा, उनके तत्यों को जांचेगा और उनके सटीक होने की रेटिंग भी करेगा। फेसबुक ऐसे प्रोग्राम फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स, जर्मनी, मेक्सिको, इंडोनेशिया, फिलिपींस और अमेरिका में चला रहा है।सरकारों और यूजर्स के निशाने पर एफबी


पिछले कुछ सप्ताह से फेसबुक दुनियाभर में यूजर्स और सरकारों के निशाने पर था। कई समस्याओं को लेकर इस सोशल मीडिया नेटवर्क साइट की दुनियाभर में आलोचना हो रही थी। फेक न्यूज के प्रसार से लेकर यूजर्स की डाटा लीक तक के मामले इसमें शामिल थे। यूके की एक फर्म कैंब्रिट एनालिटिका ने 8 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी गलत ढंग से हासिल कर ली थी। आरोप था कि इनका अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने में दुरुपयोग हुआ।भारत सरकार ने दोनों कंपनियों से पूछा

भारत सरकार ने फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका दोनों कंपनियों से डाटा लीक के संबंध में पूछा था। फेसबुक ने स्वीकार किया था कि करीब 5.62 लाख भारतीय फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी लीक हो सकती है। अमेरिकी कांग्रेस ने फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को बुलाकर पूछताछ की थी। वहां जकरबर्ग ने कहा था कि कंपनी भारत सहित दुनियाभर में होने वाले चुनावों की निष्पक्षता को लेकर प्रतिबद्ध है।झूठी खबर की रेटिंग पर 80 प्रतिशत गिर जाएगी शेयरिंगब्लॉगपोस्ट में कहा गया है कि जैसे ही किसी स्टोरी के झूठे होने की रेटिंग होगी उसकी शेयरिंग 80 प्रतिशत घट जाएगी। इसके साथ ही फेसबुक पर सटीक सूचनाओं की व्यापक पहुंच में सुधार हो जाएगा और गलत सूचनाएं कम होती चली जाएंगी। फेसबुक पहले ही बता चुका है कि फैक्ट चेकिंग संस्थाओं के साथ-साथ वह कम्युनिटी की रिपोर्ट को स्टोरी भेजने में प्रयोग करेगा।फेक न्यूज पकड़ने में करेंगे यूजर्स की मददब्लॉगपोस्ट में कंपनी ने कहा है कि वे नये प्रयोग के अनुभवों से सीखकर हम यूजर्स को यह समझाने में निरंतर मदद करेंगे कि उनकी न्यूज फीड में कौन सी सूचना फेक न्यूज हो सकती है। फैक्ट चेकर की रेटिंग के साथ ही न्यूज फीड में फर्जी सूचनाओं का प्रसार कम होता चला जाएगा। ऐसे में कोई अफवाह फैलने से रोकने में मदद मिलेगी और उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने से रोका जा सकेगा।

फर्जी सूचनाओं की कमाई पर करेंगे चोटजो पेज या डोमेन बार-बार फर्जी सूचनाओं के प्रसार में संलिप्त पाए जाएंगे कंपनी उनके प्रसारण क्षमता घटा देगी साथ ही विज्ञापन या अन्य कमाई करने के जरिए पर रोक लगा देगी। इससे पैसों के लालच में फर्जी सूचनाओं के प्रसार को हतोत्साहित किया जा सकेगा। हम चाहते हैं कि लोग स्वयं में इतना सक्षम बन जाएं कि वे खुद तय कर सकें कि क्या पढ़ना सही है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh