- वेरीफिकेशन कराने आए स्टूडेंट्स पर मिली डिग्री, कार्रवाई शुरू

- विदेश जाने के लिए डिग्री का कराने आया था वेरिफिकेशन

Meerut: फर्जी मार्कशीट और डिग्री का खेल देशभर में बड़े स्तर पर चल रहा है। हाल में एक स्टिंग के दौरान यूपी में कई यूनिवर्सिटीज की डिग्री बनवाने क खेल सामने आया था। वहीं अब सीसीएस यूनिवर्सिटी में एक और फर्जी मामला सामने आ गया। जहां अपनी डिग्री और मार्कशीट का वेरीफिकेशन कराने आए युवक को पकड़ा गया। स्टूडेंट्स का यूनिवर्सिटी में कोई रिकार्ड ही नहीं है और डिग्री मार्कशीट सीसीएस यूनिवर्सिटी की है। इस युवक को पुलिस के हवाले कर दिया गया और रजिस्ट्रार की ओर से मुकदमा कायम करा दिया गया।

यह है मामला

गुजरात का रहने वाला युवक पटेल अपनी बीएससी बायोटेक्नोलॉजी की तीनों साल की मार्कशीट और डिग्री का वेरीफिकेशन कराने यूनिवर्सिटी आया था। विदेश जाने के लिए उसको अपनी डिग्री और मार्कशीट वेरीफिकेशन की स्क्रिप्ट पर साइन कराना था। जब इसकी डिग्री और मार्कशीट को वेरीफाइड करने के लिए जांच पड़ताल की गई तो कहीं भी इसका रिकार्ड नहीं मिला। इस युवक को पकड़ लिया गया और रजिस्ट्रार के सामने पेश किया गया। जहां इससे पूछताछ हुई तो इसने बताया कि 2010 में इसने बुलंदशहर के एक डिग्री कॉलेज से यह डिग्री ओर मार्कशीट बनवाई है।

रजिस्ट्रार ने कराया मुकदमा

इस मामले में तुरंत पुलिस को बुलाया गया। आरोपी युवक को थाने भेज दिया गया। रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी को वीसी ने तुरंत इस मामले में केस दर्ज करवाने का आदेश दिया। वहीं प्रभारी रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी की ओर से थाना मेडिकल में फर्जी डिग्री और मार्कशीट को लेकर केस दर्ज करवा दिया। प्रभाष द्विवेदी का कहना है कि आरोपी युवक की डिग्री और मार्कशीट का कोई रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी में नहीं है। इस मार्कशीट और डिग्री में भी काफी चेंज हैं, जिसको लेकर कार्रवाई के लिए थाने में मुकदमा कायम करा दिया गया।

डिग्री का बड़ा खेल

कुछ दिन पहले सीसीएस यूनिवर्सिटी और जिले में दूसरी यूनिवर्सिटीज की मार्कशीट व डिग्री बनवाने को लेकर एक स्टिंग के जरिए खुलासा हुआ। जिसमें फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनवाने वाले सभी सर्टिफिकेट का रिकार्ड मेंटेन करने का भी दावा कर रहे थे। इस खुलासे के बाद शहर में कई बड़े लोगों के हाथ सामने आए। जो इस खेल में शामिल थे। चार आरोपियों को पुलिस ने शासन के दबाव के बाद गिरफ्तार भी किया गया। जिसमें जांच शासन स्तर से भी चल रही है। इस मामले के बाद एक बार फिर नए गिरोह के सामने आने की संभावना बढ़ गई है। यह भी साफ हो गया कि आप दूर बैठकर किसी भी यूनिवर्सिटी की डिग्री और मार्कशीट बनवा सकते हैं।

पहले भी पकड़े गए हैं गिरोह

मेरठ में ऐसे गिरोह कई बार पकड़े गए हैं। जो किसी भी यूनिवर्सिटी की डिग्री या मार्कशीट के अलावा कोई भी सर्टिफिकेट बना देते हैं। ब्रह्मापुरी इलाके में कुछ साल पहले फर्जी मार्कशीट बनाने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा हुआ था, जिसमें खुद को एडवोकेट बताने वाले दो आरोपी भी पकड़े गए थे। इन पर बार एसोसिएशन की ओर से भी मुकदमा कायम कराया गया था। इनके पास से हजारों मार्कशीट व ब्लैंक डिग्री और कई तरह के खाली सर्टिफिकेट बरामद हुए थे।

प्राइवेट नौकरी में हजारों फर्जी

फर्जी मार्कशीट और डिग्री का यूज अधिकतर प्राइवेट जॉब में किया जा रहा है। सरकारी नौकरी में यूज करने वालों का मामला जल्द ही खुल जाता है, क्योंकि सरकारी विभाग में हमेशा वेरीफिकेशन होता है, जिससे कई मामले पकड़े भी गए हैं। वर्तमान में यूनिवर्सिटी थोड़ी चौकन्नी है, जिससे मामला सामने आ गया।

एक लड़का अपने डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए आया था, जिसका रिकार्ड हमारी यूनिवर्सिटी में है ही नहीं। उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया है और मुकदमा कायम करा दिया गया है।

- प्रभाष द्विवेदी, प्रभारी रजिस्ट्रार, सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ

13दिसंबर2014 : कंकरखेड़ा थाना एरिया में फर्जी प्रमाण पत्रों को कोरियर करने वाले तीन युवक गिरफ्तार।

20 अक्टूबर 2013 : मोदीनगर में दो लाख से ज्यादा फर्जी मार्कशीट बरामद की गई थीं।

17 सितंबर 2011 : मेरठ में एसओजी और पुलिस ने छापा मारकर बड़ी संख्या में फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां बरामद की थीं।

30 दिसंबर 2010 : पुलिस ने फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र तैयार करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया।

Posted By: Inextlive