मेरठ ब्यूरो। सीसीएस यूनिवर्सिटी के नाम पर देश के विभिन्न प्रदेशों में फर्जी डिग्री बनाने का खेल चल रहा है। उत्तर भारत के राज्यों के अलावा साउथ के राज्यों में भी सीसीएसयू के नाम पर फर्जी डिग्री पकड़ी जा रही है। ऐसे में जालसाज फर्जी डिग्री बनाने के लिए 8 से 10 लाख रुपए तक वसूल रहे हैं। यही नहीं, जालसाजों ने फर्जी डिग्री बनवाने के अलग-अलग रेट भी निर्धारित कर रखे हैं। बीते एक माह में कर्नाटक में पीएचडी की 7 और बीएड की 12 के साथ-साथ बीए और बीएससी की 8 डिग्रियां मिली है।

बंगलुरु में मिली फर्जी डिग्री

गौरतलब है कि बीते दिनों कर्नाटक की राजधानी बंगलुरू में जालसाजों ने सीसीएसयू के नाम की फर्जी डिग्री बनाकर लाखों रुपए में बेची। ये जालसाज यूजी और बीएड की नहीं, बल्कि पीएचडी तक की डिग्री बेच रहे हैं। यह खुलासा बीते दिनों बंगलुरू की पुलिस की तहकीकात के दौरान हुआ। दरअसल, बंगलुरू पुलिस की टीम बीते दिनों सीसीएसयू में डिग्रियों की चेकिंग के लिए आई थी।

पीएचडी की सात डिग्री फर्जी

जांच में सामने आया कि बीते एक माह में बंगलुरू से आई पीएचडी की सात, बीएड की 12, बीए और बीएससी की आठ डिग्री फर्जी निकली हैं। इस मामले में जांच शुरू हो गई है।

कर्नाटक में भी मिले मामले

वैसे अभी तक सीसीएसयू के नाम पर फर्जी डिग्री बनाकर बेचने के मामले उत्तराखंड, गुजरात, पंजाब, बिहार, गुजरात, पश्चिमी बंगाल व अरुणाचल से ही आ रहे थे। अब कर्नाटक की राजधानी बंगलुरू से भी फर्जी डिग्री के मामले आ रहे हैं।

ठिकाने बदल रहे जालसाज

सीसीएसयू के गोपनीय विभाग के सूत्रों के अनुसार फर्जी डिग्री बनाकर बेचने वाला गिरोह ठिकाना बदलकर शिकार तलाशता है। यही वजह है कि कुछ समय से बंगलुरू से ज्यादा मामले आ रहे हैं। इसका खुलासा तब हुआ है जब सूचना अधिकार के तहत डिग्रियों की सत्यता के बारे में जानकारी मांगी गई। जांच के दौरान पीएचडी की सात, बीएड की 12 तथा बीए व बीएससी की आठ डिग्रियों का मिलान यूनिवर्सिटी के डाटा से नहीं हुआ। जिस पर डिग्री फर्जी होने की रिपोर्ट भेजी गई है।

पीएचडी की डिग्री 10 लाख में

वहीं, बंगलुरू से आई पुलिस से पता चला कि पीएचडी की डिग्री आठ से दस लाख, बीएड की चार से पांच लाख व यूजी की डिग्री 50-60 हजार रुपए में बनाई गई हैं।

कई राज्यों की तलाश में पुलिस

सीसीएसयू के नाम पर फर्जी डिग्री बनाने का धंधा काफी समय से चल रहा है। यही वजह है कि आए दिन किसी न किसी राज्य की पुलिस यूनिवर्सिटी में जांच के लिए आ जाती है। विगत माह एलएलबी की 10 डिग्री फर्जी निकली थीं। उत्तराखंड से आईं 20 से ज्यादा डिग्रियां जांच में फर्जी मिली हैं। कुछ दिन पहले गुजरात पुलिस भी फर्जी डिग्री के मामले में आई थी। पंजाब, बिहार, पश्चिमी बंगाल, अरुणाचल प्रदेश की पुलिस भी फर्जी डिग्री बेचने वालों की तलाश में जुटी है और सुरक्षा के लिए यूनिवर्सिटी आती रहती है। आधिकारिक सूत्रों की माने तो चालू वर्ष में 500 से ज्यादा जांच के लिए आई डिग्री फर्जी निकली हैं।

जांच के लिए तो डिग्री आती ही रहती है, लेकिन अगर कोई फर्जी निकलती है तो उसकी रिपोर्ट संबंधित विभाग को दी जाती है। प्रशासन स्तर से सख्त कार्रवाई की जाती है। कुछ डिग्री फर्जी बन रही हैं। इससे यूनिवर्सिटी का गलत तरीके से नाम यूज किया जा रहा है, इसकी जांच की जा रही है।

धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू