- वार्ता विफल किसानों का धरना जारी

- चैयरमेन के साथ वार्ता कराए जाने का दिया किसानों को आश्वासन

आगरा। किसान और एनटीपीसी आमने-सामने आ चुके हैं। एनटीपीसी पर अपने वायदों को पूरा न करने का आरोप लग रहा है। किसान एक बार फिर आंदोलित हो उठे हैं। उन्होंने एनटीपीसी के सामने धरना प्रदर्शन करते हुए अपनी कई मांगों को प्रमुखता से उठाया है। सोमवार को किसानों को शांत करने के लिए प्रशासन और एनटीपीसी के अफसरों ने हस्तक्षेप किया। किसान नेताओं के साथ सुलह वार्ता की, लेकिन वह विफल रही।

दो दिन से चल रहा है धरना

भाकियू के नेतृत्व में शमसाबाद रोड नौफरी गांव के पास एनटीपीसी के कार्यालय के पास किसानों का रविवार से धरना चल रहा है। किसानों को मनाने के लिए रविवार को एसडीएम सदर योगेंद्र कुमार पहुंचे थे। उन्होंने एनटीपीसी और किसानों की वार्ता प्रशासन की मध्यस्थता में वार्ता कराए जाने का प्रस्ताव रखा। उसी के चलते सोमवार को वार्ता हुई।

जिला प्रशासन की ओर से अपर जिलाधिकारी नगर धर्मेद्र सिंह ने किसान और एनटीपीसी का पक्ष सुना। उन्होंने एनटीपीसी के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जो किसानों से वादा किया था, उसे पूरा किया जाए। हर हाल में किसानों की जो मांगे हैं उन्हें पूरा किया जाए। वार्ता के दौरान तय हुआ कि एनटीपीसी प्रस्ताव तैयार करेगा, उसी के आधार पर किसान आगे वार्ता के लिए तैयार होंगे। इसके पहले प्रस्ताव को किसानों के सामने रखना होगा।

एनटीपीसी ने रखा चार करोड़ का ऑफर

एनटीपीसी किसान भवन निर्माण के लिए किसानों को चार करोड़ देने की बात कर रहा है। किसानों का कहना है कि वे किसान भवन नहीं इस पैसे से उनके बिजली के बिल जमा करते रहे। जिससे उन्हें फ्री में लाइट मिल सके। एनटीपीसी ने विकास कार्य कराने का भी किसानों के सामने प्रस्ताव रखा है, इस पर किसानों ने कहा कि विकास कार्य के लिए प्रधान, विधायक और सांसद हैं। विकास नहीं फ्री में लाइट चाहिए। इस पर प्रशासनिक अफसर ने हस्तक्षेप करते हुए सोलर प्लांट का प्रस्ताव तैयार करने के लिए एनटीपीसी अफसरों से कहा। इधर, किसान नेताओं ने कहा कि जब प्लांट का प्रस्ताव बनेगा तो उन्हें दिखाया जाएगा। इस पर एनटीपीसी ने फिर से चैयरमेन से वार्ता कराए जाने का किसानों के सामने प्रस्ताव रखा है। फिलहाल धरना जारी है।

18 अगस्त को हुई थी वार्ता

किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ 18 अगस्त को दिल्ली में एनटीपीसी के चेयरमैन के साथ वार्ता हुई थी। जिसमें किसानों ने यही प्रस्ताव रखा था कि उन्हें फ्री में लाइट उपलब्ध कराई जाए, इस पर उनसे कनेक्शन नम्बर मांगे थे, जो एनटीपीसी को उपलब्ध करा दिए हैं। इसके लिए तीन माह का समय मांगा था और किसानों ने चार माह का समय दे दिया था, लेकिन परिणाम शून्य ही रहा। जब किसानों की मांगे वादे के मुताबिक पूरी नहीं हुई तो उन्होंने 17 फरवरी को श्रीपत की गढ़ी के पास रेलवे लाइन पर धरना दिया। गाडि़यों को रोक दिया।

Posted By: Inextlive