संयुक्त अरब अमीरात में एक धार्मिक संस्था ने मंगल ग्रह पर जाने के ख़िलाफ़ फतवा जारी किया है.


संगठन के नेताओं का कहना है कि मंगल ग्रह पर जाने के ख़िलाफ़ फतवा इसलिए जारी किया गया है, क्योंकि इससे जीवन के जोखिम पैदा हो सकता है.अबु धाबी स्थित जनरल अथोरिटी ऑफ इस्लामिक अफेयर्स का कहना है कि मंगल पर जाना आत्महत्या करने जैसा है क्योंकि अभी ये नहीं पता है कि इस ग्रह पर कितने लोग रह सकते हैं.ये फ़तवा इन ख़बरों के बाद जारी किया गया है कि खाड़ी देशों के कई लोग 2024 में एक प्राइवेट कंपनी के ज़रिए मंगल ग्रह की यात्रा की तैयारी कर रहे हैं.कंपनी के ‘वन मार्स मिशन’ का उद्देश्य मंगल ग्रह पर स्थायी इंसानी बस्ती बसाना है.जान का जोखिम
स्थानीय अख़बार 'डेली खलीज टाइम्स' में छपी रिपोर्ट के अनुसार धार्मिक संस्था ने कहा है, “इस तरह की एकतरफा यात्रा से जीवन के लिए जोखिम पैदा होता है, और इसकी इस्लाम में इजाज़त नहीं दी जा सकती है.”उसका कहना है कि मंगल ग्रह की यात्रा पर जाने से व्यक्ति की मौत हो सकती है.संस्था के अनुसार जो लोग ऐसी यात्रा पर जाना चाहते हैं वो बिना किसी ‘तर्कसंगत कारण’ के मारे जा सकते हैं.


इस फतवे पर पहले काफी विवाद हो चुका है. आलोचकों का कहना है कि जोखिम लेकर नई खोज करने वालों के लिए फतवा नहीं जारी करना चाहिए, वर्ना कई महत्वपूर्ण भौगोलिक खोज न हो पातीं.

Posted By: Subhesh Sharma