पिछले साल 28 दिसंबर को इंडोनेशिया में दुघर्टनाग्रस्‍त हुए एयर एशिया विमान को लेकर राष्ट्रीय ट्रांस्पोर्ट सेफ्टी कमिटी ने एक बड़ा खुलासा किया है। उनका कहना है कि विमान के दुघर्टना ग्रस्‍त होने के पीछे का मुख्‍य कारण विमान में तकनीकि खराबी रही के प्रति लापरवाही रही है। इस हादसे में करीब 162 लोगों की मौत हो गई थी।


क्रू मेंबर्स की लापरवाहीजानकारी के मुताबिक बीते साल 28 दिसंबर को इंडोनेशिया के शहर सुरबया से सिंगापुर की उड़ान के दौरान विमान एयर एशिया ए 320 जावा समुद्र में गिर गया था। जिससे इंडोनेशिया में क्रैश हुए विमान को लेकर राष्ट्रीय ट्रांस्पोर्ट सेफ्टी कमिटी जांच कर रही थी। ऐसे में इस हादसे की जांच रिपोर्ट में हादसे के मुख्य कारणों का खुलासा हुआ है। यह हादसा प्लेन की तकनीकि खराबियों के प्रति क्रू मेंबर्स की लापरवाही से हुआ था। जांच में पाया गया प्लेन के फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर में एक दरार थी। उसे सोल्डर के कई बार जोड़ा गया था। जिससे उसकी पहले की कई उड़ानों में यात्रा के दौरान काफी परेशानी आई थी। 4 बार तो उसी यात्रा के दौरान गड़बड़ी हुई जबकि पिछले साल 23 बार ऐसी दिक्कतें आईं। बावजूद इसके उसकी सुधार की प्रक्रिया में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था।


पर्याप्त प्रशिक्षण भी नहीं

इतना ही नहीं इस दौरान विमान जब समुद्र की ओर जा रहा था तो पायलट के बीच बातचीत भी नहीं हो पा रही थी। ऐसे में आपस में बातचीत ठीक से न हो पाने से एक छोर पर खड़े लोग अपने नियंत्रण स्टिक को दूसरी दिशा में धकेल रहे थे। जिसके बाद फाइनली यह विमान दुघर्टनाग्रस्त हो गया। इसके साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि एयर एशिया के पायलटों को पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिला था कि जब भी ऐसी कोई स्थिति आए तो वे उसका सामना कैसे करें। जिससे वे भी इस आपातकाली स्िथति में विमान को नहीं संभाल सके। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि खराब उपकरण, रडर ट्रैवल लिमिटर से इस बड़े हादसे को लाख प्रयासों के बाद भी नहीं रोका जा सका था।मौसम का रोल नही

गौरतलब है कि यह विमान के दु्घर्टनाग्रस्त होने के बाद इसकी तलाशी में आधुनिक तकनीक से लैस ऐसे जहाजों को लगाया गया था। जिससे इस बहुराष्ट्रीय अभियान में मलेशिया, सिंगापुर और आस्ट्रेलिया, भारत, दक्षिण कोरिया, चीन और फ्रांस आदि मदद के लिए शामिल हुए थे। इतना ही नहीं अमेरिका ने तलाश के लिए अपना एक पोत यूएसएस सैंपसन भी भेजा था। ऐसे में एक बड़े तलाशी महाअभियान के बाद इस विमान की खोज हो पाई थी। इसमें करीब 162 लोगों की मौत हुई थी। पहले तो इस हादसे को मौसम की खराबी से जोड़कर देखा जा रहा था। जब कि जांच राष्ट्रीय ट्रांस्पोर्ट सेफ्टी कमिटी ने इस हादसे में खराब मौसम का कोई रोल न होने की बात कही है।

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Posted By: Shweta Mishra