नेपाल पुलिस एक ऐसे मामले की जांच कर रही है जिसमें माउंट एवरेस्ट की चोटी पर दो प्रसिद्ध यूरोपीय पर्वतारोहियों और उनके नेपाली गाइड के बीच कथित तौर पर मारपीट हुई है.

 

कहा जा रहा है कि झगड़ा उस वक्त शुरू हुआ, जब स्टेक और मोरो ने उनके गाइड की बात अनसुनी कर दी. उनके शेरपा गाइड ने उन्हें रस्सी बांधने के दौरान चढ़ाई पर विराम लगाने के लिए कहा था.

रिपोर्ट के मुताबिक गाइडों ने दोनों पर उस वक्त हमला किया जब वो टेंट में वापस लौट चुके थे. घटना के बाद पर्वतारोही अपना “जरूरी सामान समेटकर” माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप में वापस आ गए हैं.

मोरो ने कहा कि बेस कैंप में आने के बाद वो ये महसूस कर रहे हैं “जैसे सबसे सुरक्षित जगह पर हों.” मोरो माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले अनुभव पर्वतारोही माने जाते हैं.

डरावना अनुभव

इसी घटना को कुछ लोगों दूसरी तरह से भी बताया गया है. उनके मुताबिक जब गाइड पहाड़ में रस्सियां बांध रहे थे तो पर्वतारोही चढ़ाई कर रहे थे. इसकी वजह से बर्फ फिसलकर गाइड के ऊपर गिरने लगी.

हालांकि बयान में मोरो ने कहा है, “बर्फ के टुकड़े गिरना आम बात है. किसी शेरपा ने ये नहीं कहा है कि वो इससे घायल हुआ है.”

उन्होंने ये भी कहा, “पर्वतारोहियों का मानना है कि बिना रस्सी की सहायता से ही तेजी से आगे बढ़ने की वजह से शेरपाओं का अभिमान आहत हुआ था.”

"आते ही वो आक्रामक हो गए. उन्होंने न केवल मुक्का मारा बल्कि पत्थर भी फेंका"

सिमोन मोरो, पर्वतारोही, इटली

बकौल मोरो जब वो टेंट में वापस आए तो शेरपाओं की भीड़ इकट्ठा हो गई थी. और उन लोगों ने मिलकर उन लोगों पर हमला किया. बकौल मोरो उनके अलावा स्टेक और ब्रिटेन के जोनाथन ग्रिफिथ पर भी हमला किया गया.

मोरो ने बताया,“आते ही वो आक्रामक हो गए. उन्होंने न केवल मुक्का मारा बल्कि उन पर पत्थर भी फेंका.”

एक प्रत्यक्षदर्शी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया है कि “ये घटना काफी भयावह थी. वो लगभग मार दिए गए थे.”

1953 के बाद से अब तक अब तक तीन हजार से ज्यादा लोग माउंट एवरेस्ट की चढाई कर चुके हैं. सबसे पहली बार तेनजिंग नार्गे और एडमंड हिलेरी ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी.

नेपाल और चीन में फैला माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊंची चोटी है. इसकी ऊंचाई 8848 मीटर यानी 29 हजार 29 फीट है.

 

Posted By: Garima Shukla