पर्दे पर एक्शन पर रीयल लाइफ में डीसेंट. ना कोई तामझाम और ना अकड़. पहली सुपरहिट हिंदी फिल्म 'अनाड़ी' के कैरेक्टर 'रामा' की तरह ही जीने का अंदाज है वेंकटेश डुग्गुबट्टी का. तेलुगु फिल्मों के इस बादशाह को बॉलीवुड में इंटरेस्ट नहीं है. ऐसा इसलिए नहीं कि उन्हें बॉलीवुड से ऑफर नहीं मिलता बल्कि उन्हें साउथ की फिल्मों से ही फुर्सत नहीं है.


फिल्मों से अलग वेंकटेश एक स्पिरिचुअल पर्सन भी हैं। वे बुद्ध सर्किट के तीन इंपॉर्टेंट प्लेस बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर के भ्रमण पर आए थे। बिना किसी सेक्रेटरी व तामझाम के उन्होंने तीनों प्लेस घूमे। इस दौरान उनसे पवन प्रकाश की हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

बिहार पहली बार आए हैं। कैसा लगा?
महात्मा बुद्ध के कांसेप्ट मुझे अट्रैक्ट करते हैं, इसलिए बिहार आया हूं। भगवान बुद्ध तो यहीं हैं। पहली बार बिहार आया और बिना किसी को बताए। पर, यहां के एक्सपीरिएंस अमेजिंग रहे। स्पिरिचुअली काफी रिच है बिहार.

बुद्ध की ओर झुकाव कैसे?
मुझे सभी धर्मों की बातें पसंद हैं। मोहम्मद प्रॉफेट, जीसस, बुद्ध, महावीर सभी मुझे इंस्पायर करते हैं। मैं इनके बारे में जानना भी चाहता हूं। पिछले कुछ सालों में मैंने बुद्ध के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है।

फिल्मों से ब्रेक मिल गया?
ब्रेक मिलना इतना आसान नहीं। अभी 'बॉडीगार्ड' की शूटिंग जारी है। यह 12 जनवरी को रिलीज होगी। एक सांग और बाकी है, जिसे जाते ही निपटाउंगा.

बॉलीवुड में नहीं दिख रहे?
साउथ से ही फुर्सत नहीं। लोग पूछते हैं लेकिन अच्छे ऑफर्स साउथ से हैं और मैं वहीं कंफर्टेबल भी हूं। शुरू में एक-दो फिल्में की, लेकिन वहां से वक्त निकालना मुश्किल है.

तो नेक्स्ट स्टेप साउथ में पॉलिटिक्स?
बिल्कुल नहीं। मुझे पॉलिटिक्स में कोई इंटरेस्ट नहीं है और मैं कभी जाउंगा ही नहीं। फिल्मी बैकग्राउंड से हूं, फिल्में करना ही पसंद है। पॉलिटिक्स के लिए मैं सही आदमी नहीं.

Posted By: Inextlive