-सुबह 11 बजे पाल होटल के किचन में लगी आगपटना के विभिन्न अस्पतालों में कुल 38 लोगों का चल रहा इलाज

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-20 लोग पीएमसीएच में एडमिट, चार की हालत नाजुक
- 2 घंटे की मशक्कत व 60 अग्निशमन की गाडिय़ों की मदद से आग पर पाया काबू
- आग लगने से पहले होटल में 50 कस्टमर और स्टाफ थे मौजूद
- हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म की मदद से लोगों की रेसक्यू
-100 फायर सेफ्टीकर्मी लगे थे आग बुझाने में
-आग लगने की सूचना मिलने के 45 मिनट बाद पहुंची अग्निशमन गाडिय़ां
-होटल के आसपास दो अन्य होटल व किराना स्टोर भी आग की चपेट में
-जान बचाने के लिए एक महिला सेकेंड फ्लोर से कूदी
-तीन महिला और तीन पुरुष की हुई मौत
- आग लगने से करीब 2 करोड़ रुपए की नुकसान का अनुमान
- फायर सेफ्टी ऑडिट नहीं कराने वाले होटल होंगे ब्लैक लिस्टेड

पटना ब्‍यूरो। पटना जंक्शन से महज 50 मीटर दूर स्थित पाल होटल में गुरुवार सुबह किचन में छौंक से लगी आग से पूरा होटल जलकर खाक हो गया। आग की लपट इतनी तेज थी कि होटल में मौजूद 50 कस्टमर को निकलने का मौका ही नहीं मिला। होटल में धुआं भरता देख लोग बाहर भागने लगे, लेकिन उन्हें रास्ता नहीं मिला। इस दौरान छह लोगों की मौत हो गई। 20 लोग आग चपेट में आकर बुरी तरह से जल गए, जिनका इलाज पीएमसीएच व आसपास के अस्पतालों में चल रहा है। घटना की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड को 60 गाडिय़ां मौके पर पहुंची। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

सिलेंडर ब्लास्ट से आग भयावह
पाल होटल में सुबह करीब साढ़े 11 बजे से पहले सब कुछ स्मूथ चल रहा था। रोजना की तरह कस्टमर खाना खाने के लिए पहुंचे थे। कस्टमर के ऑर्डर पर सेफ किचन में खाना बनाना शुरू किया। इसी दौरान गैस चूल्हे की लौ तेज होने से कड़ाही में खौल रहे तेल के छौंक से आग लग गई। होटल के अंदर भोजन करने के लिए आए गेस्ट कुर्बान ने बताया कि आग की लपटें इतनी तेज थी कि किचन में लगे प्लास्टिक इसकी जद में आ गए। फिर गैस सिलेंडर में आग लग गयी। और गैस सिलेंडर ब्लास्ट कर गया। फिर एक के बाद चार सिलेंडर ब्लास्ट करता गया। रेस्टोरेंट में बैठे थे तो लगा कहीं गाड़ी की टायर फटी है।

धीरे-धीरे आग की लपट तेज हो गई। जब तक सेफ और अन्य स्टाफ आग पर काबू पाते तब तक पूरे किचन में आग फैल गई। कुर्बान ने बताया कि हम लोग किचन के पास गए ही थे कि आग की लपट देखकर वहां से किसी तरह जान बचाकर बाहर निकल गए। जबकि दूसरे, तीसरे और चौथे फ्लोर पर मौजूद गेस्ट को नीचे आने का अवसर ही नहीं मिला। तब तक आग पूरे होटल को अपनी जद ले चुकी थी।

45 मिनट बाद पहुंची फायर की गाड़ी
पटना जंक्शन के पास आग लगने की सूचना मिलने के करीब 45 मिनट के बाद हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म से युक्त अग्निशमन विभाग की दमकल मौके पर पहुंची। तब तक अंदर पूरी बिल्डिंग आग और धुएं से भर गई। होटल के बगल वाली बिल्डिंग में भी आग पहुंच गई और दोनों बिल्डिंग में आग फैल गई। इससे सटे पटना किराना को भी आग से खतरा था। अग्निशमन दस्ते का इंतजाम इस आग के सामने कमजोर साबित हो रहा है। हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म की दमकल से पाल होटल की बहुमंजिला इमारत पानी की बौछार की जा रही थी लेकिन आग की लपट कम नहीं हो रही थी। पटना छज्जूबाग और पटना सिटी एरिया से भी फायर सेफ्टी के 60 वाहन पहुंच गए। लगभग दस वाहनों से 100 फायर सेफ्टी कर्मियों ने पानी डालना शुरू किया। लगभग 2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

स्टेशन एरिया पूरी तरह जाम
इस दौरान बिल्डिंग के सामने स्थित पुल पर भी भीषण जाम लग गया और स्टेशन रोड भी पूरी तरह जाम हो गया। जीपीओ में स्थिति यह हो गई कि पटना जिला प्रशासन को जीपीओ गोलंबर से एक लाइन को पूरी तरह से क्लोज करना पड़ा। उधर अग्निशम विभाग की जवान जान की परवाह न करते हुए हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से होटल के विभिन्न फ्लोर में फंसे लोगों के रेसक्यू में लग गए। फायर ब्रिगेड की टीम की मानें तो 45 लोगों को होटल से बाहर निकाल गया। जिसमें 20 लोग गंभीर रूप जले हैं और उनका इलाज पीएमसीएच समेत पटना के विभिन्न अस्पतालों के आईसीयू में चल रहा है। जबकि अन्य 18 घायल पटना के विभिन्न अस्पतालों के वार्डों में इलाजरत हैं।

दो करोड़ से अधिक का नुकसान
होटल में आग लगने के बाद होटल के कर्मचारी व होटल प्रबंधन के अधिकारी मौके से फरार हो गए। स्थानीय लोगों की मानें तो भीषण आग ने पाल होटल के पास के दो अन्य होटलों को अपनी चपेट में ले ली। हवा तेज होने के कारण पाल होटल के दाएं तरफ के दोनों होटल भी आग की जद में आ गए। एक अनुमान के मुताबिक दो करोड़ से अधिक नुकसान की बात सामने आ रही है।

हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म से बची जान
पटना में आग लगने की बात अब कॉमन हो गयी है। कभी होटल में तो कभी अस्पताल में तो कभी दुकनों में। पटना के कई संकुचित मार्गों पर अग्निशमन विभाग की गाडिय़ों को पहुंचना आसान है। न ही अग्निशमन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन था। कुछ माह पहले अग्निशमन विभाग के पास 60 मीटर और 52 मीटर होइड्रोलिक प्लेटफॉर्म खरीदा गया है। जिस वजह पाल होटल के बहुमंजिला इमारत के अंदर जाकर लोगों को रेसक्यू करने में सुविधा हुई। आगे में काफी स्पेस होने से भी रेसक्यू में आसानी हुई।
पाल होटल में लगी आग में छह लोगों की मौत हुई है। इसमें तीन महिला एवं तीन पुरुष हैं। दो लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पीएमसीएच में इलाज के लिए करीब 20 लोगों को भर्ती कराया गया है। अन्य घायलों को पटना के अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
-सत्य प्रकाश, सिटी एसपी, पटना सेंट्रल रेंज


अग्निशमन विभाग की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया। आग लगने की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की 60 वाहन मौके पर पहुंच आग पर काबू पाया। जो होटल फायर सेफ्टी ऑडिट नहीं कराए हैं उनपर फाइन के साथ ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।
-शोभा अहोतकर, डीजी, अग्निशमन सेवा बिहार

-हमलोग यहां से गुजर रहे थे कि अचानक भगदड़ होने लगी। होटल की तरफ नजर गई तो देखा पूरा होटल धू-धू कर जल रहा है और अग्निशम विभाग के कर्मचारी आग पर काबू पाने के लिए लगे हैं।
-एमडी अहमद, आम पब्लिक

जरूरी कार्य से स्टेशन एरिया आए थे। सुबह 11.15 बजे पता चला कि होटल में आग लगी है। मौके पर पहुंचे तो देखा पूरा होटल आग की लपेट में है। सरकार को फायर ऑडिट करानी चाहिए।
- अंकित सिंह, आम पब्लिक


फायर ऑडिट कराकर ही होटल चलाने की अनुमति होटल संचालकों को दी जानी चाहिए। पटना जंक्शन के पास भीड़ ज्यादा होती है। यहां विशेष फायर आडिट की आवश्यकता है। यहां आने पर दिखा कि पूरा होटल जल रहा था।
- पुष्पम पटेल, आम पब्लिक

जान बचाने के लिए कूद गई महिला
पाल होटल में लगी भीषण आग की चपेट में आसपास के भवन भी आ गए। इससे सटे एक अन्य होटल और साइकिल कारोबारी की गोदाम में भी आग की लपट पहुंच गई। होटल के दूसरे फ्लोर पर मौजूद एक महिला बाहर जाने का रास्ता नहीं दिखने पर आग की लपट पार करती हुई दूसरे फ्लोर से कूद गई। पहले से आग की लपट से झुलसी थी दूसरे फ्लोर से कूदने की वजह से गंभीर चोट आई जिसके बाद उसे इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। समाचार लिखे जाने तक महिला की स्थिति नाजुक बताई गई।

Posted By: Inextlive