राजस्‍थान हाईकोर्ट में एक ऐसा मामला आया जो सुर्खियां बन गया। शनिवार को छुट्टी वाले दिन एक ढाई महीने के बच्‍चे की सुनवाई हुई और उसे अदालत में पेश किया गया। दरअसल यह मामला बच्‍चे की कस्‍टडी से जुड़ा है जिसमें मां-पिता और दादा-दादी आमने सामने हैं।

बच्चे को दिया है गोद
खबरों की मानें तो राजस्थान में रहने वाले दंपत्ति ने मध्य प्रदेश के खंडवा के रामदयाल उर्फ छोटे सरकार को बच्चे को गोद दे दिया है। लेकिन बच्चे के दादा-दादी का कहना है कि, रामदयाल एक तांत्रिक है और वह बच्चे पर जादू-टोना करेगा। उन्हें यह भी डर है कि वह मासूम की बलि न दे दे। लेक्चरर मां और बिल्डर पिता के इस ढाई महीने के बच्चे को दादा-दादी अपने पास रखना चाहते हैं लेकिन उन्हें जब इसका अधिकार नहीं मिला तो वह कोर्ट पहुंच गए।
दादा-दादी की यह है मांग
मासूम के दादा ने राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि अगर मां-पिता उस बच्चे को अपने पास नहीं रखना चाहते तो उसे दादा-दादी को सौंप दिया जाए। ऐसे में किसी तांत्रिक वगैरह को देना सरासर गलत है। फिलहाल इस मामले की शुक्रवार को सुनवाई हुई थी। जज ने मां-बाप को आदेश दिया था कि वे बच्चे को शाम 6 बजे तक कोर्ट में पेश करें। अभिभावकों ने इसमें जब असमर्थता जताई तो सुनवाई की तारीख छुट्टी वाले दिन यानी शनिवार को तय की गई।

कोर्ट ने मां-बाप से किए सवाल

शनिवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बच्चे के मां-पिता से कई सवाल किए। जज ने पूछा कि, क्या बच्चे को बलि देने का इरादा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, वे पढ़े-लिखे हैं और सोच समझकर बच्चे को गोद देना का फैसला किया है। हालांकि इनका यह भी कहना है रामदयाल ने बच्चे की अच्छी परवरिश और विदेश भेजने का वादा किया है। वैसे जज ने अभी कोई फैसला नहीं दिया है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari